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संसद भवन में याद आए डॉ. भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति समेत अनेक नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती पर संसद भवन में श्रद्धांजलि सभा, शीर्ष नेताओं ने किया नमन। जानें बाबा साहेब की विरासत और योगदान।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 14, 2025 11:48

(कुमार गौरव, नई दिल्ली)

भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती पर संसद भवन परिसर में आज एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर देश के शीर्ष नेतृत्व ने एकत्र होकर डॉ. अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके विचारों व योगदान को स्मरण किया।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्रीगण और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा

“भारतीय संविधान के शिल्पकार, सामाजिक समता के अमर नेता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर कोटिशः नमन करता हूँ। उन्होंने जो रास्ता दिखाया, वही हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है।”

श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने डॉ. अंबेडकर की दूरदर्शिता और उनके द्वारा सामाजिक समानता के लिए किए गए संघर्षों को याद करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार उनके बताए मार्ग पर चलकर वंचित वर्गों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है।

बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मंत्रोच्चार

इस आयोजन की एक विशेष बात यह रही कि इसमें बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मंत्रोच्चार किया गया, जिससे माहौल अध्यात्म और सम्मान से भर गया। देशभर से आए दलित समाज के प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं ने भी इस समारोह में भाग लेकर बाबा साहेब के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

बाबा की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प

संसद भवन परिसर में आयोजित यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम न केवल एक सांकेतिक समारोह था, बल्कि यह बाबा साहेब की विरासत को आगे बढ़ाने का भी संकल्प था। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने संविधान निर्माण के समय थे—चाहे वह समानता की बात हो, शिक्षा का अधिकार, महिलाओं की स्वतंत्रता या सामाजिक न्याय।

डॉ. अंबेडकर की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा भारत

डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं थे, वे सामाजिक चेतना के अग्रदूत थे। उनके विचारों से प्रेरित होकर आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को अपनाते हुए एक समावेशी समाज की ओर अग्रसर है।

इस जयंती समारोह के माध्यम से देश ने एक बार फिर यह स्पष्ट संदेश दिया कि बाबा साहेब का सपना – एक समान, न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज – आज भी राष्ट्रीय एजेंडे का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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Namrata Mohanty

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Kumar Gaurav

First published on: Apr 14, 2025 11:48 AM

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