नई दिल्ली: AIIMS Delhi के नेटवर्क और डेटा पर हुए साइबर अटैक के बाद मंगलवार को एम्स ने बयान जारी किया है। एम्स प्रशासन के अनुसार, ई-अस्पताल का डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। अस्पताल सेवाओं के लिए डेटा की मात्रा और बड़ी संख्या में सर्वर/कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
The eHospital data has been restored on servers. Network being sanitized before services can be restored. The process is taking some time due to the volume of data and large number of servers/computers for the hospital services. Measures are being taken for cyber security: AIIMS pic.twitter.com/w8Rk8hwOa7
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 29, 2022
200 करोड़ की फिरौती
एम्स का कहना है कि आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाओं आदि सहित सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती रहेंगी। एक दिन पहले ही खबर सामने आई थी कि दिल्ली के एम्स में सर्वर हैक करने के बाद हैकर्स ने 200 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। फिरौती की यह रकम भी क्रिप्टो करेंसी में मांगी गई।
हालांकि जांच एजेंसियां फिलहाल इस मामले में अधिक खुलासा नहीं कर रहीं और इस बारे में जानकारी होने या एम्स की तरफ से शिकायत मिलने से इन्कार किया गया है। इससे पहले मामले में दिल्ली पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 385 में मामला दर्ज किया है। इस धारा में करीब दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। वहीं, इसके साथ आईटी का सेक्शन 66 भी लगाया गया है। इसमें कम्प्यूटर संबंधी अपराध शामिल होता है। इसकी सजा तीन वर्ष तक और पांच लाख तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
23 नवंबर को हैक हुआ था सर्वर
गौरतलब है कि 23 नंवबर की सुबह एम्स का सर्वर हैक हो गया था। एम्स प्रशासन ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद जांच एजेंसियां सतर्क हुईं और जांच शुरू की गई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इसकी जांच में शामिल हो गई थी। इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-आईएन), दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और गृह मंत्रालय (एमएचए) के प्रतिनिधि पहले से ही घटना की जांच कर रहे हैं।