बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि 5’ का ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में सभी परिचालन और तकनीकी मापदंड सफल रहे। यह परीक्षण सामरिक बल कमान में किया गया है। अग्नि-5 भारत की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है और इसे डीआरडीओ ने बनाया है।
मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत
अग्नि-5 की खासियतों की बात करें तो यह लेटेस्ट टेक्निक से लैस है। यह 17 मीटर लोंग और 2 मीटर वाइड मिसाइल है। यह न्यूक्लियर वेपन्स से लैस है। इसके अलावा इस मिसाइल में 3 स्टेज का प्रोपल्शन सिस्टम है। सबसे स्पेशल बात यह है कि यह एमआईआरवी टेक्निक है। इस टेक्निक से मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर टारगेट कर सकते हैं।
भारत की बड़ी उपलब्धि-अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण
— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) August 20, 2025
भारत ने अग्नि-5 इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया है।
इस मिसाइल की मारक क्षमता 7,000 किलोमीटर से अधिक है। DRDO द्वारा विकसित किया गया… pic.twitter.com/gH6LHVfYGm
अग्नि 5 मिसाइल के सफल परिक्षण से आर्मी को ताकत मिली है। इससे उनकी ताकत कई गुना बढ़ेगी। इससे देश की तरफ आंख उठाने वाले को करारा जवाब मिल सकेगा। आपको बता दें, अग्नि-6 का आगाज जल्द होने वाला है।
नॉन न्यूक्लियर वर्जन बनाने की तैयारी
DRDO ने अग्नि-5 मिसाइल का न्यू नॉन न्यूक्लियर वर्जन बनाने की तैयारी हो रही है। यह मिसाइल स्पेशली एयरफोर्स के लिए बनी है और इसमें 8 टन का हैवी वारहेड लगेगा। इसका यूज दो तरह से होगा। सबसे पहले तो मिसाइल हवा में फटकर बड़े से बड़े इलाके में धमाका कर सकेगी। इसके अलावा जमीन के अंदर घुसकर भी धमाका कर सकेगी।
ये भी पढ़ें- ‘राजा अपनी मर्जी से किसी को भी पद से हटा सकता था’, राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के नए बिल पर बोला हमला