आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेडुमिल्ली इलाके में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, 18 नवंबर की सुबह जिस जगह पर हिड़मा मारा गया वहीं फिर से मुठभेड़ हुई. दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में 7 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है.
राज्य के इंटेलिजेंस एडीजी महेश चंद्र लड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन मंगलवार को शुरू हुआ था और लगातार चल रही कार्रवाई में अब तक सात नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी फील्ड से मिल चुकी है. एडीजी लड्डा के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. सभी की पहचान की प्रक्रिया जारी है और मौके से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, हथियार और तकनीकी उपकरण बरामद किए गए हैं.
एडीजी महेश चंद्र लड्डा ने बताया कि एजेंसी क्षेत्र में आज फिर पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलीबारी हुई. उन्होंने कहा कि नक्सली लगातार छत्तीसगढ़ से आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके चलते इंटेलिजेंस एजेंसियां उनकी गतिविधियों पर विशेष नजर रख रही हैं.
कौन था एक करोड़ का इनामी हिडमा
एक करोड़ का इनामी माड़वी हिडमा नक्सलियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) बटालियन-1 का हेड था. छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र के घने जंगलों छिपकर वो सुरक्षा बलों पर अटैक किया करता था. 25 मई 2013 में हुई झीरम घाटी की घटना का मास्टरमाइंड भी उसे माना जाता है. बता दें कि हिडमा साल 2013 के झीरम और 2021 के बीजापुर हमले में भी शामिल था. अप्रैल 2017 के बुर्कापाल हमलों की साजिश भी हिडमा ने ही रची थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए थे. इसके अलावा दंतेवाड़ा हमले का नेतृत्व भी हिडमा ने ही किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. 2019 में रावुला श्रीनिवास रमन्ना की मौत के बाद हिडमा को नक्सलियों का कमांडर बना बनाया गया था.
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29 साल से नक्सलियों से जुड़ा था हिडमा
माड़वी हिडमा का जन्म दक्षिण सुकमा के पुवार्ती गांव में हुआ था. साल 1996 में नक्सलियों से जुड़ा था. 16 साल की उम्र में उसके गांव पूर्वती में नक्सलियों की राज्य कमेटी ने उसे चुना था. दुबला पतला, लेकिन हिडमा काफी चुस्त और तेज-तर्रार था. वो चीजों को बहुत तेजी से सीखता था. ट्रेनिंग के बाद हिडमा की पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में की गई थी. 2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या के बाद उसे संगठन में अहम जिम्मेदारी दी गई. झीरम घाटी के हमले की प्लानिंग भी हिडमा ने ही तैयार की. 2017 में सुकमा के बुर्कापाल में सेंट्रल रिजर्व फोर्स पर हुए हमले का मास्टरमाइंड भी था.










