क्योंझर (ओडिशा): ओडिशा के क्योंझर जिले में भुइयां जनजाति की एक महिला को उसके पति ने घर से निकाल दिया। महिला तीन दिन तक अपने नवजात बच्चे को लेकर पेड़ के नीचे बैठी रही। एक महिला स्वास्थ्यकर्मी की मदद से उसे शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला का आरोप सिर्फ इतना है कि उसने 11वां बच्चा पैदा होने के बाद अपना ऑपरेशन (Sterilisation Surgery) करा लिया था।
जिले के तेलकोई पुलिस थाना क्षेत्र के सालेकेना गांव में एक महिला और उसके नवजात शिशु को स्थानीय आशा कार्यकर्ता ने अस्पताल में भर्ती कराया।
19 जनवरी को 11वें बच्चे को जन्म दिया
40 वर्षीय रबी देहुरी ने बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि आदिवासी परंपराओं के अनुसार उसकी पत्नी जानकी देहुरी सर्जरी के बाद किसी भी अनुष्ठान में भाग नहीं ले सकती हैं। जानकी ने 19 जनवरी 2023 को अपने 11वें बच्चे को जन्म दिया था। आशा कार्यकर्ता के समझाने के बाद 14 फरवरी को तेलकोई अस्पताल में उसकी सर्जरी हुई।
दिहाड़ी मजदूर रबी ने 12 साल पहले जानकी से शादी की थी। दोनों के 11 बच्चे हैं। इनमें पांच लड़के और छह लड़किया हैं। उनकी एक बेटी की कुछ साल पहले मौत हो गई थी।
आशा कार्यकर्ता ने पति को समझाया, नहीं मानी बात
डिमिरिया की आशा विजय लक्ष्मी साहू ने बताया कि जानकी के पति ने उन्हें ऑपरेशन करने की अनुमति नहीं दी थी। हालांकि हमने उसे कई बार समझाने की कोशिश की।
आशा कार्यकर्ता ने बताया कि उसने रबी को अपनी पत्नी को घर जाने देने के लिए कहा, लेकिन उसने जानकी की पिटाई कर दी। रबी ने कहा कि मेरी सहमति के बिना आशा कार्यकर्ता मेरी पत्नी को अस्पताल ले गई और सर्जरी करवाई। उन्हें मेरी सहमति लेनी चाहिए थी।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश, अब होगा पुनर्वास
एक्टिविस्ट निर्मल चंद्र नायक ने कहा कि यह घटना आदिवासियों के बीच जागरूकता की कमी और सर्जरी से जुड़े सामाजिक कलंक के कारण हुई है। सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (क्योंझर) रामचंद्र किस्कू ने कहा कि खंड विकास अधिकारी और तेलकोई तहसीलदार को मामले की जांच करने के बाद रिपोर्ट देने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि महिला और उसके नवजात शिशु के पुनर्वास के लिए उसके पति और ग्रामीणों से चर्चा के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।