सुप्रीम कोर्ट में SIR की सुनवाई के दौरान जस्टिस बागची ने चुनाव आयोग से नागरिकता प्रमाण को लेकर कई सवाल किए हैं। इस दौरान जस्टिस बागची ने कहा कि आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार करना चाहिए क्योंकि यह पहचान और निवास के लिए विधिक रूप से मान्यता प्राप्त दस्तावेज है।
क्या SIR के जरिए वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा?
जस्टिस बागची ने चुनाव आयोग से सवाल करते हुए कहा कि क्या मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) के जरिए EPIC (वोटर कार्ड) रद्द हो जाएगा? इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि EPIC कार्ड को केवल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 22 के तहत प्रारंभिक जांच करने के बाद ही रद्द किया जा सकता है। आयोग ने कोर्ट को बताया कि अभी तक किसी का भी वोटर कार्ड रद्द नहीं किया गया है। पूरी जांच के बाद यह कार्रवाई की जाएगी।
वोटर लिस्ट से किसी का भी नाम नहीं हटाया
कोर्ट के एक सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि अभी वोटर लिस्ट से किसी का नाम नहीं हटाया गया है। नई लिस्ट बनाने की प्रक्रिया जारी है। नई लिस्ट बनने के बाद ही पुरानी लिस्ट बदली जाएगी। जिनके नाम वोटर लिस्ट में थे, वो अब भी बरकरार हैं।
65 लाख मतदाताओं के नाम किए जाएं सार्वजनिक
कोर्ट ने कहा कि 65 लाख मतदाताओं जिनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है। उनका नाम जिला निर्वाचन अधिकारी के वेबसाइट पर शेयर किया जाए। जिसमें वजह बताई जाए कि उनका नाम क्यों काटा गया है। इसकी सूचना सभी प्रमुख समाचार पत्रों, टीवी, रेडियो के द्वारा दी जाए। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग इस पूरे मामले में जानकारी दे।
अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी
SIR पर अब अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि इस दौरान वोटर लिस्ट को लेकर अपनी समस्याओं का समाधान कर ले। अगली सुनवाई 22 अगस्त को दोपहर करीब 2 बजे होगी।