नई दिल्ली: POCSO अधिनियम, 2012 के तहत 2020 में 47,221 केस दर्ज किए गए। इनमें सजा दर 39.6% रही। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में इसे लेकर जानकारी दी। अधिनियम के तहत लंबित मामलों पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सांसद एस वेंकटेशन के सवाल का जवाब देते हुए, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा एकत्रित राज्यवार डेटा प्रदान किया।
2020 में दर्ज हुए मामलों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में हुए। यहां 6,898 मामले पंजीकृत किए गए। इसके बाद नंबर महाराष्ट्र (5,687) और मध्य प्रदेश (5,648) का है। आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कन्विक्शन दर 70.7% रही, जबकि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आंकड़े क्रमशः 30.9% और 37.2% थी। दूसरी ओर, मणिपुर एकमात्र ऐसा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश था जहां लगातार तीन वर्षों तक 100% की सजा दर थी।
ईरानी ने कहा कि 2020 के अंत तक 170,000 मामले लंबित थे, जो कि 2018 के 108,129 केसों की तुलना में 57.4% अधिक थे। 2020 में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और चंडीगढ़ में शून्य मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, बाद में एक केस दर्ज हुआ, आठ मामले साल के अंत तक विचाराधीन थे और दो व्यक्तियों को आरोपित किया गया था। राज्यों में, गोवा और हिमाचल प्रदेश सबसे कम मामले दर्ज करने वाले राज्य रहे, यहां पांच-पांच केस दर्ज हुए।