---विज्ञापन---

151 साल पुरानी ये सर्विस बंद होगी! जानें क्यों खत्म होने की कगार पर पहुंची देश की ‘विरासत’?

Kolkata Tram Service Latest Update: देश की 150 साल पुरानी विरासत कोलकाता की ट्राम सर्विस खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। हालांकि इसे बचाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन जिस तरह की समस्याएं यह सर्विस झेल रही है, एक दिन बंद हो जाएगी।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Sep 22, 2024 13:20
Share :
Kolkata Tram Service
Kolkata Tram Service

151 Year Old Kolkata Tram Service Update: देश की 151 साल पुरानी विरासत खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। जी हां, बात हो रही है पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में दौड़ने वाली ट्राम की, जो धीरे-धीरे खत्म हो रही है। ब्रिटिश काल में साल 1873 में शुरू की गई यह गाड़ी पहले घोड़ों द्वारा खींची जाती थी, फिर 1900 के दशक में यह भाप से चलने लगी और आज मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ कोलकाता की सड़कों पर दौड़ रही है।

लेकिन आज ट्रांसपोर्ट का यह नेटवर्क खतरे में है और इसकी वजह रखरखाव के प्रति उदासीन रवैया है। रखरखाव में कमी के साथ-साथ आज इसके कलपुर्जे भी फेल होने लगे हैं और नए कलपुर्जे बनाने वाली फैक्ट्रियां भी बंद हो गई हैं, जिस कारण ट्राम कंडम हो रही है। यह कहना है कि 18 वर्षीय छात्र दीप दास का, जो कलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन (CTUA) के मेंबर है और ट्राम के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्षरत है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:हेल्थ इंश्योरेंस कस्टमर्स सावधान! 3.1 करोड़ लोगों का डेटा, मेडिकल रिपोर्ट और मोबाइल नंबर लीक

50 से 80 साल रह गया ट्राम का जीवन

एसोसिएशन के मेंबर रिटायर्ड जैव रसायन विशेषज्ञ देबाशीष भट्टाचार्य कहते हैं कि ट्राम शहर के लोगों के लिए परिवहन का सबसे सस्ता साधन, लेकिन इसके खोते अस्तित्व को बचाने के लिए एक छोटे से इन्वेस्टमेंट की जरूरत है। उन्होंने प्रदेश के राजनेताओं पर ट्राम की संभावित आर्थिक सफलता को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। आज ट्राम का जीवन 50 से 80 वर्ष रह गया है, जबकि बसों का जीवन 5 से 10 वर्ष है, जबकि ट्राम कई लोगों के लिए शहर की आत्मा है।

---विज्ञापन---

कोलकाता भारत का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां ट्रामवे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इसे हटा दिया गया तो न केवल शहर का बल्कि, देश का गौरव समाप्त हो जाएगा। ट्राम शहर की घुमावदार सड़कों पर गड़गड़ाती हुई चलती है। पुरानी पीली टैक्सियों, ट्रकों, बसों, कारों और कभी-कभी मवेशियों के जाम से अपना रास्ता बनाती हुई ट्राम जब अपने सफर पर निकलती है तो हजारों लोग इसका इंतजार करते हैं।

यह भी पढ़ें:हाफ पैंट वाली गोल्ड मेडलिस्ट ‘नानी’ कौन? कैसे तय किया घुटनों के दर्द से Weighlifting का सफ़र

सड़क पर मिलने वाली चाय से सस्ता किराया

पश्चिम बंगाल परिवहन निगम का तर्क है कि ट्राम के चमकीले नीले और सफेद रंग की एकसमान धारियों को अकसर नया पेंट दिया जाता है। जब वे यातायात में फंसती नहीं हैं तो अधिकतम 20 किलोमीटर (12 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। आज इससे न हानिकारक धुआं निकलता है और न ही कोई शोर होता है।

7 रुपये किराये के साथ ट्राम बस की तुलना में 5 गुना ज्यादा यात्रियों को आवागमन की सुविधा प्रदान करती है, बेशक आज ट्राम की संख्या कम हो गई है, लेकिन आज भी ट्राम सड़क पर मिलने वाली एक कप चाय से और बस से भी सस्ती है। वहीं इसके कम होते इस्तेमाल का कारण इसकी स्पीड और अनियमित समय-सारिणी है, जिस वजह से कई यात्री समय पर पहुंचने के लिए ज्यादा पैसे देकर टैक्सी या बस में सफर करना पसंद करते हैं।

यह भी पढ़ें:एक हाउस वाइफ जो 800 करोड़ की कंपनी की CEO आज, MS धोनी भी इनके आगे जोड़ते हाथ

आज कई ट्राम गाड़ियां लावारिस हालत में खड़ीं

54 वर्षीय शिक्षक राम सिंह कहते हैं कि 1940 के दशक की बात है, एक ट्राम पर चढ़ते थे और उतरकर दूसरी ट्राम पर चढ़ जाते थे, आज शहर में ट्राम केवल 2 लाइनों पर ही चलती हैं, जबकि पहले इसका नेटवर्क बहुत विस्तृत था और यह पूरे शहर में कई रूटों पर दौड़ती थी। आज एक स्थान पर कई ट्राम गाड़ियां लावारिस हालत में खड़ी हैं और उनका रंग जंग खा गया है। इनमें से कुछ तो 1940 के दशक की हैं।

एसोसिएशन सामुदायिक बैठकें आयोजित करती है, पोस्टर लगाती है और ट्रामों के लिए आने वाली चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करती है, लेकिन उनकी भूमिका में उन्हें ब्रेकडाउन और बिजली संबंधी समस्याओं पर भी नजर रखनी होती है। यह बात उन्हें इस बात का एहसास दिलाती है कि ट्रामों का जीवन खत्म होने वाला है। इसके बावजूद उन्होंने ट्राम के भविष्य के लिए लड़ते रहने की शपथ ली है।

यह भी पढ़ें:Canada में नौकरीपेशा भारतीयों की कैसी हालत? युवक की आपबीती का वीडियो वायरल

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Sep 22, 2024 01:14 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें