अगर किसी को पेशाब करते समय कुछ दिक्कतें महसूस होती हैं तो यह सामान्य नहीं हो सकता है। कई बार पेशाब का बार-बार आना भी यूरिन रिलेटिड प्रॉब्लम्स का लक्षण होता है, तो वहीं कुछ लोगों को पेशाब बिल्कुल कम या एक बार में सही से नहीं आता तो यह भी अनेकों बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक हेल्दी इंसान को दिन में 7 बार पेशाब जाना चाहिए। हालांकि, कभी-कभी इसमें बदलाव देखे जा सकते हैं, लेकिन बार-बार पेशाब आना या कम आने जैसे लक्षण अधिकतर महसूस कर रहे हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है क्योंकि ये गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कानपुर के गैस्ट्रो एक्सपर्ट डॉक्टर वीके मिश्रा कहते हैं कि दिन में 7 बार से अधिक यूरिन डिस्चार्ज या फिर कम यूरिन निकलना कई बीमारियों का कारण बनता है। पेशाब से संबंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार अनहेल्दी लाइफस्टाइल होता है। ऐसे में इनसे छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत होती है।
किन बीमारियों का रिस्क
डॉक्टर के मुताबिक, इन बीमारियों के होने का प्रमुख कारण पेशाब से जुड़ी समस्याएं हैं।
1. प्रोस्टेट का बढ़ना- पुरुषों की यह समस्या उन्हें 40 साल के बाद ज्यादा महसूस होती है, जिसमें प्रोस्टेट का आकार बढ़ने से पेशाब का फ्लो धीमा हो जाता है। प्रोस्टेट के साइज में बदलाव होने से यूरिन ट्यूब पर प्रेशर पड़ता है, जिससे पेशाब करने में दिक्कत होती है।
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2. ब्लड शुगर- हालांकि, डायबिटीज में बार-बार पेशाब आता है लेकिन कई बार खून में शुगर की मात्रा बढ़ने से भी बार-बार पेशाब आ सकता है। दरअसल, शुगर बढ़ने से प्यास भी लगती है। इससे ही पेशाब भी बार-बार आता है।
3. यूटीआई (UTI)- पेशाब बार-बार आना यूटीआई का भी लक्षण है। इसमें यूट्रस, ब्लैडर और किडनी में भी संक्रमण हो सकता है। इसमें बार-बार पेशाब लीक होने, जलन और व्हाइट डिसचार्ज की भी समस्या होती है।
इसके अलावा, पेशाब बार-बार आना या कम आने के पीछे न्यूरोलॉजिकल डिजीज और ब्लैडर से संबंधित बीमारियां भी शामिल होती हैं। इसमें ब्लैडर इंफेक्शन, इंटरसिस्टल सिस्टाइटिस (यह भी मूत्राशय से संबंधित समस्या होती है), पार्किंसंस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस शामिल हैं।
सही उपचार और उपाय
1.पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन सोने से पहले कम पानी पिएं।
2.संक्रमण से बचाव करें, इसके लिए स्वच्छता बनाए रखें और यूरिन को ज्यादा देर तक रोकने से बचें।
3. ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रखने से बार-बार पेशाब आने की समस्या कम होती है।
4.कैफीन और एल्कोहल के ज्यादा इनटेक से बचें।
5.मूत्राशय की एक्सरसाइज करें। इनमें पेल्विक एक्सरसाइज शामिल होती है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर समस्या एक हफ्ते से ज्यादा बनी रहे, यूरिन पास करने में कठिनाई हो और दर्द भी लंबे समय तक रहे। यूरिन में खून दिखे या तेज बदबू आए, तो भी डॉक्टर से मिलें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।