पूरे उत्तर भारत में गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, जैसे ही पारा बढ़ता है हमारी बॉडी पर इसका असर दिखने लगता है। कई लोगों का डाइजेशन सिस्टम कमजोर होता है, जिससे उन्हें उल्टी, दस्त, कॉन्स्टिपेशन, पेट के निचली हिस्से में तेज दर्द, अचानक वजन घटना जैसे रोग घेर लेते हैं।
पतंजलि की साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक औषधियां पेट संबंधी विकारों के लिए बेस्ट
आर्युवेद के अनुसार अगर हम रोजाना अपने खाने में आंवला, हरड़, कुटज, अतिविषा और बहेडा जैसी औषधियों का यूज करें तो गर्मियों में हमारे शरीर खासकर पेट संबंधी संक्रमण से बच सकते हैं। दरअसल, पतंजलि की साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक औषधियां पेट संबंधी विकारों के लिए बेस्ट हैं। पतंजलि की बाजार में दिव्य फाइटर और कुटजघन वटी जैसी दवाएं कॉन्स्टिपेशन, पतले दस्त, आंव आना, आंतों के सभी प्रकार के दोष, बवासीर, गैस आदि में काम आती है।
पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, हरिद्वार की टेस्टेड और वेरिफाइड मेडिसन है दिव्य फाइटर
जानकारी के अनुसार पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, हरिद्वार की टेस्टेड और वेरिफाइड मेडिसन दिव्य फाइटर टैबलेट कॉन्स्टिपेशन, सामान्य गैस और हाइपरएसिडिटी जैसी परेशानियों में काम करती है। इसे डॉक्टरों की सलाह पर इनडाइजेशन और एनोरेक्सिया जैसे रोगों में लिया जा सकता है। यहां बता दें कि एनोरेक्सिया (एनोरेक्सिया नर्वोसा) एक तरह की खाने का विकार होता है जिसमें आप अपने द्वारा खाए जाने वाली कैलोरी की संख्या को सीमित कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और कई केस में शरीर का वजन बहुत कम हो जाता है।
कुटजघन वटी ऐसी औषधि जो दस्त के साथ खून आने जैसी शिकायत में भी करती है फायदा
पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की दवा कुटजघन वटी में कुटज और अतिविषा जैसी औषधियां हैं। ये दवा दस्त, आंव आना, कोलायाटिस, आंतों के सभी प्रकार के दोष, बवासीर, गैस्ट्रिक अल्सर आदि पेट के रोगों में काम आती है। बता दें खान-पान में असंतुलन और अनियमित दिनचर्या के कारण कब्ज की समस्या होती है। कुटजघन वटी ऐसी औषधि है जो दस्त के साथ खून आने जैसी शिकायत में भी फायदा करती है।
नेशनल एजेंसियों ने भी मानी परेशानी, पतंजलि की रिसर्च ने ढूंढा उपाय
पतंजलि की दवा में आंवला, हरड़ और बहेडा जैसी औषधियां हैं। यहां बता दें कि कब्ज को नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन और नेशनल इंस्टिट्यूट डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज ने भी गंभीर परेशानी माना है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 16% व्यस्कों को कब्ज की शिकायत है। अमेरिकन गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान या बच्चे को जन्म देने के बाद कब्ज की शिकायत ज्यादा रहती है। इसके अलावा ऐसे लोग जो कम या बिल्कुल भी फाइबर नहीं खाते हैं, वे लोग जो दवा या सप्लिमेंट लेते हैं में कब्ज की शिकायत रहती है। कब्ज और दस्त के लिए पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, हरिद्वार की टेस्टेड और वेरिफाइड मेडिसन काफी फायदेमंद हैं, पतंजलि के अनुसार बड़ी संख्या में मरीजों को इनसे फायदा भी हो रहा है।
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