---विज्ञापन---

हेल्थ

पतंजलि ने बताया कैसे आयुर्वेद से क्रोनिक बीमारियों का खतरा होगा कम, जानें बचने का बेहतरीन तरीका

पतंजलि योगपीठ ने हाल ही में आयुर्वेद के फायदों के बारे में बताया, खासकर क्रोनिक बीमारियां। उनका कहना है कि आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक इलाज से न सिर्फ बीमारियां ठीक होती हैं, बल्कि शरीर और मन को भी स्वस्थ रखा जा सकता है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 3, 2025 19:11
Patanjali
Patanjali

क्रोनिक बीमारियां वे होती हैं जो लंबे समय तक चलती हैं और धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। इनमें शुगर (डायबिटीज), हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड, आर्थराइटिस, सांस की तकलीफ, और दिल की बीमारियां शामिल हैं। ये बीमारियां अचानक नहीं होतीं, बल्कि सालों में धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती हैं। अमेरिका जैसे देशों में इन पर बहुत रिसर्च होती है, क्योंकि ये आम लोगों की सेहत पर गहरा असर डालती हैं।

अमेरिका में कैसे होता है इन बीमारियों का अध्ययन?

अमेरिका की कई नामी पत्रिकाएं जैसे American Journal of Public Health, Mayo Clinic Proceedings, NIH, और ScienceDirect नियमित रूप से इन बीमारियों पर रिसर्च प्रकाशित करती हैं। इन जर्नल्स में यह बताया जाता है कि कौन-कौन से कारणों से बीमारियां होती हैं, किस उम्र में इनका खतरा बढ़ता है, और किस तरह की लाइफस्टाइल से इन्हें रोका जा सकता है। Chronic Disease Epidemiology, Prevention, and Control नाम की किताब में यह जानकारी आसान भाषा में दी गई है। वैज्ञानिक मानते हैं कि आयुर्वेदिक उपायों का असर तभी होता है जब इन्हें नियमित रूप से अपनाया जाए। कई स्टडीज में यह साबित हुआ है कि योग और मेडिटेशन से ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में मदद मिलती है।

---विज्ञापन---

पतंजलि का नजरिया क्या है?

पतंजलि आयुर्वेद का मानना है कि अगर लाइफस्टाइल को सुधारा जाए, खान-पान संतुलित हो और नियमित योग-प्राणायाम किया जाए, तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के विशेषज्ञों का कहना है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, पंचकर्म और दिनचर्या सुधार कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाया जा सकता है। उनका यह भी दावा है कि आयुर्वेदिक इलाज से कई मरीजों को राहत मिली है। हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ ने हाल ही में बताया कि आयुर्वेद, योग, यज्ञ और नेचुरोपैथी (प्राकृतिक इलाज) से पुरानी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इन बीमारियों में डायबिटीज, बी.पी., गठिया, अस्थमा और थायरॉइड जैसी समस्याएं शामिल हैं। पतंजलि का कहना है कि आयुर्वेद सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी स्वस्थ बनाता है। इसमें जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो पारंपरिक और वैज्ञानिक दोनों तरीकों से तैयार की जाती हैं। कई सालों के अनुभव और रिसर्च के बाद पतंजलि ने नई आयुर्वेदिक दवाएं बनाई हैं। ये दवाएं पुरानी और गंभीर बीमारियों में असरदार साबित हो रही हैं।

ऋषि परंपरा और वैज्ञानिकता का मेल

पतंजलि ने बताया कि उन्होंने पुराने समय की ऋषि परंपरा के अनुसार, पुराने ग्रंथों में लिखी गई जड़ी-बूटियों और दवाओं को फिर से ठीक से जांचा है। फिर इनका इस्तेमाल नए और आधुनिक तरीके से किया गया है। इन दवाओं को लाखों मरीजों पर आजमाया गया और जब अच्छे नतीजे मिले तो इन अनुभवों को किताबों में लिखा गया। अब ये किताबें और दवाएं दुनिया भर के आयुर्वेद डॉक्टर इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे लाखों लोग ठीक हो रहे हैं। यह एक बड़ा काम है जिससे आयुर्वेद जैसी पुरानी चिकित्सा को फिर से लोगों के बीच प्रसिद्ध किया जा रहा है।

---विज्ञापन---

योग और सही आहार की अहम भूमिका

पतंजलि योगपीठ ने कहा कि सिर्फ दवाएं ही नहीं, योग और सही खाना भी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसके लिए उन्होंने पुराने समय के योग तरीकों को अपनाया है और खाने की सही आदतों (डाइट थेरेपी) पर भी खास ध्यान दिया है। कई सालों के अनुभव और रिसर्च के बाद पतंजलि ने यह साबित किया है कि योग और आयुर्वेद मिलकर न सिर्फ बीमारी को ठीक करते हैं, बल्कि शरीर की रक्षा करने वाली ताकत (इम्यूनिटी सिस्टम) को भी बढ़ाते हैं।

जन-जन तक आयुर्वेद पहुंचाने का संकल्प

पतंजलि लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। वह आम लोगों को आसान भाषा में योग, यज्ञ, आयुर्वेद और नेचुरल इलाज की जानकारी देने के लिए कई किताबें और मासिक पत्रिकाएं छाप रहा है, जैसे ‘योग संदेश’। इससे लोग आयुर्वेद को अच्छे से समझ पा रहे हैं और अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ रहे हैं। पतंजलि का यह काम सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद को फिर से लोकप्रिय बना रहा है।

HISTORY

Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: May 03, 2025 07:11 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें