Eye flu: इन दिनों देशभर में आई फ्लू यानी कंजक्टिवाइटिस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। आंखों का ये वायरस बच्चों को जल्द ही अपनी जद में लेता है। यही वजह है कि बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। आई फ्लू से बच्चों को कैसे बचाएं? इस संबंध में डॉक्टर वनुली बाजपेयी ने जरूरी टिप्स दिए हैं। वनुली बाजपेयी देश की जानी-मानी आई स्पेशलिस्ट हैं। उन्हें हेल्थ के क्षेत्र में कम से कम 20 साल का अनुभव है।
आई फ्लू से बच्चों बचाने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स
- जिस बच्चे को आई फ्लू है, उसे घर में रखें। स्कूल न भेजें। क्योंकि जब बच्चे एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो ये वायरस दूसरे बच्चों को भी जद में ले लेता है।
- बच्चों को समझाएं कि वह अपने हाथों से चेहरे और आंखों को बार-बार टच न करें। घर आते ही बच्चों को हैंड बॉश कराएं।
- आई फ्लू से बच्चों को बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। सोते वक्त ड्राप डालने से फायदा मिलेगा।
- इस मौसम में बच्चों को इंडोर गेम खिलाएं। उन्हें कॉलोनी में न जाने दें। बच्चों को पब्लिक स्विमिंग पूल में भी ना जाने दें। क्योंकि इन जगहों पर संक्रमण फैलने का रिस्क ज्यादा है।
- अगर आपके घर में किसी को आई फ्लू हो गया है तो बच्चे को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखने की कोशिश करें।
आखिर क्या है आई फ्लू और इसके लक्षण
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आई फ्लू एक तरह का आंखों का वायरस है। इसे मेडिकल भाषा में कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) कहा जाता है। जो भी व्यक्ति इससे बीमार हो जाता है तो उसकी आंखें लाल हो जाती हैं। उनमें खुजली होने लगती है। इतना ही नहीं आंखों से पानी भी बहने लगता है। इस वायरस के मरीज को लाइट से दिक्कत महूसस होती है और आंखें सूज भी जाती हैं। आम तौर पर यह इंफेक्शन 1-2 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है।