Edible Oil Side Effects: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के मंथली रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में देशवासियों से खाद्य तेल की खपत में 10% की कमी करने को कहा है। उन्होंने मोटापे की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज हर आठ में से एक व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है और बच्चों में यह समस्या 4 गुना देखी गई है। तो क्या सच में खाने का तेल हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है? जानिए इस पर क्या कहते हैं डॉक्टर।
PM मोदी ने क्या बोला?
पीएम मोदी ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, विश्वभर में लगभग 250 करोड़ लोग अधिक वजन के शिकार थे। अधिक वजन या मोटापा कई बीमारियों, जैसे हृदय रोग, मधुमेह और तनाव का कारण बन सकता है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि छोटे-छोटे प्रयासों, जैसे खाने के तेल की खपत में 10% की कमी करने से इस चुनौती से निपटा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि तेल की खपत में 10% की कटौती करने के साथ-साथ, लोग 10 अन्य व्यक्तियों से ऐसा करने का अनुरोध करें और फिर वे 10 लोग अन्य 10 व्यक्तियों को ऐसा करने को कहें। ऐसा इसलिए कहा क्योंकि हेल्दी और फिट नेशन के लिए यह एक जरूरी कदम हो सकता है।
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Edible Oil पर डॉक्टर की राय
डॉक्टर बिमल छाजेर के मुताबिक खाने में तेल का प्रयोग भारतीय पाकशाला का सबसे प्रमुख कुकिंग आइटम है। यहां के हर भोजन में तेल और घी का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि जब वे लोगों से पूछते हैं तेल का इस्तेमाल करने का कारण, तो वह बताते हैं कि अधिकतर लोग मसालों को फ्राई करने और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं लेकिन तेल हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे कई गंभीर नुकसान आपको हो सकते हैं।
Edible Oil के नुकसान
1. मोटापा और वजन बढ़ना- खाद्य तेल में फैट की मात्रा अधिक होती है, जिससे अधिक सेवन करने पर शरीर में चर्बी बढ़ती है। ज्यादा तेल मोटापा, हृदय रोग, हाई बीपी और मधुमेह जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
2. हृदय रोगों का खतरा- तेल में ट्रांस-फैट और सैचुरेटेड फैट होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर हृदय की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं। इससे धमनियों में रुकावट आ सकती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना रहती है।
3. डायबिटीज का रिस्क- ज्यादा तेल वाले भोजन का सेवन करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. पाचन संबंधी समस्याएं- अधिक तेल वाला भोजन पचाने में कठिन होता है और एसिडिटी, गैस, कब्ज और सूजन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
5. कैंसर का खतरा- बार-बार तेल गर्म करने से उसमें हानिकारक पदार्थ बनते हैं, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। खासकर डीप फ्राइड फूड्स कैंसर कारक तत्वों को पैदा करते हैं।
6. लिवर और किडनी पर असर- अधिक तले-भुने भोजन के सेवन से लिवर पर दबाव पड़ता है और फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। अधिक तेल खाने से किडनी भी डैमेज हो सकती है, जिससे डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
7. त्वचा और बालों पर असर- ज्यादा ऑयली फूड्स का सेवन त्वचा में मुंहासे और ऑयली स्किन की समस्या बढ़ा सकता है। साथ ही, बाल झड़ने और स्कैल्प की समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
कैसे करें नुकसान से बचाव?
- तेल का सीमित मात्रा, प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 15-20 मिलीलीटर उपयोग करना चाहिए।
- तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचें और उबले या ग्रिल्ड फूड को खाएं।
- रिफाइंड तेल की जगह सरसों का तेल, देसी घी, ऑलिव ऑयल और नारियल तेल का उपयोग करें।
- एक ही तेल को बार-बार गर्म करने से बचें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।