Diwali 2024: देश में त्योहारों का समय चल रहा है। दिवाली, जो साल का सबसे बड़ा पर्व है, हर घर में इसके लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इस त्यौहार को रोशनी और दीयों के पर्व के रूप में भी जाना जाता है। चारों तरफ रंग-बिरंगी लाइटों से चकाचौंध होती है। दिवाली पर फैंसी लाइटें लगाने का भी ट्रेंड है, ये लाइटें आपको घर, दुकानों, सड़कों से लेकर दफ्तरों तक में लगी हुई मिल जाती हैं। पर क्या आप जानते हैं कुछ लोगों को इन लाइट्स से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है? आइए जानते हैं कि उत्सव के दौरान त्योहार की रोशनी हमारे मूड और मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करती है। इसके साथ-साथ जानिए इनके प्रभाव से खुद को बचाने के लिए कुछ जरूरी टिप्स।
दिवाली की लाइटों से दिमाग पर असर
तनाव
दिवाली की लाइटों से चमक और रंगों की मात्रा बढ़ जाती है, जो आंखों पर असर डालती हैं। कुछ लोगों को सीधा आंखों से इन रोशनियों को देखने में समस्या होती है। इस वजह से इन लोगों के अंदर तनाव की भावना पैदा होती है। विशेष रूप से सेंसिटिव लोगों को तो इन लाइटों से बहुत ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इस कारण इन लोगों की खुशियों भरी दिवाली फीकी पड़ सकती है।
सोने में परेशानी होना
यह समस्या अधिकतर लोगों की है। कुछ लोगों को दिवाली पर कलरफुल लाइटें लगाना तो काफी पसंद है, लेकिन वहीं, लाइटों की रोशनी उन्हें रात के समय सोने में परेशानी देती है। ऐसा होना लाजमी है क्योंकि अच्छी नींद के लिए अंधेरे की जरूरत होती है। यहीं नहीं, दिवाली की लाइटों से निकलने वाली किरणें हमारे शरीर पर भी अपना प्रभाव डालती हैं, जिससे हार्मोन इंबैलेंस होता है।
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ओवरलोड
इन लाइटों का असर ऐसा होता है कि ये कुछ लोगों को ओवरलोड की भावना देने लगती हैं। उन्हें बेवजह के कामों का भार महसूस होने लगता है, जिससे चिंता और तनाव में भी बढ़ोतरी होती है।
आंखों पर प्रभाव
लंबे समय तक रंगीन लाइटों की रोशनी के संपर्क में रहने से आंखों में तनाव या बेचैनी हो सकती है, जिससे सिरदर्द और थकान की समस्या बढ़ सकती है।
ध्यान भटकना
दिवाली की इन लाइटों का तेज ऐसा होता है कि इससे आपका ध्यान भटकना तय है। इनकी रोशनी से काम करने में मुश्किल पैदा होती है।
इन टिप्स से खुद को बचाएं
- अपने घर पर हल्की रोशनी वाली लाइटें लगाएं।
- आप अपने घर की सजावट के लिए ज्यादा वाइब्रेंट रंगों का यूज ना करें।
- कुछ दिनों के लिए अपने आराम करने और बैठने का स्थान बदल दें, आप अंदर के कमरों का प्रयोग करें, जहां शांति और ज्यादा रोशनी न आ सके।
- कोशिश करें कि रात को सोते वक्त घर में लगाई लाइटों को बंद कर लें।
- यदि आस-पास की रोशनी से आप नहीं सो पा रहे हैं तो रात के समय खिड़की-दरवाजे बंद कर लें।
- इसके अलावा खुद को हाइड्रेट रखें, ज्यादा मिठाई न खाएं तथा फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।