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Corona Alert: बच्चों को फिर से चपेट में ले रहा कोरोना, क्या बंद होने वाले हैं स्कूल?

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण एक बार फिर बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने लिखा है, “जो बच्चे जनवरी या अप्रैल में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे, वे फिर से वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन मामले हल्के हैं जिन्हें घर पर प्रबंधित किया जा […]

Edited By : Pulkit Bhardwaj | Updated: Aug 11, 2022 09:56
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Corona in kids
Corona in kids

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण एक बार फिर बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने लिखा है, “जो बच्चे जनवरी या अप्रैल में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे, वे फिर से वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन मामले हल्के हैं जिन्हें घर पर प्रबंधित किया जा सकता है। हालांकि बच्चे अन्य मौसमी बीमारियों से भी संक्रमित हो रहे हैं।”

एएनआई के मुताबिक मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ नितिन वर्मा निदेशक ने कहा कि बच्चों में COVID-19 रीइन्फेक्शन के मामले देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं जिन्हें एक बार COVID हो गया है और वे फिर से दूसरी बार COVID से संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए एक बच्चा जो जनवरी में COVID से संक्रमित था, वह अप्रैल में फिर से संक्रमित हो गया था और जिसे अप्रैल में यह बीमारी थी उसे यह फिर से हो गई है।”

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डॉ वर्मा ने कहा, “अगर यह एक अलग स्ट्रेन है तो सुरक्षा काम नहीं करती। इसलिए इतने सारे बच्चे दूसरी बार COVID से संक्रमित हो रह हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “बच्चों को अन्य संक्रमण भी हो रहे हैं, COVID चल रहा है और अब भी मुझे लगभग चार से पांच बच्चे मिलते हैं जो COVID संक्रमित हैं। हाथ पैर और मुंह की बीमारी बहुत है, खासकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों में। बहुत सारे वायरल फीवर हैं जो डेंगू के शुरुआती मामले हैं और हाल ही में हमें स्वाइन फ्लू के भी मामले मिलने लगे हैं।”

डॉ वर्मा ने कहा कि अधिकांश कोविड ​​​​मामले हल्के होते हैं जिन्हें घर पर प्रबंधित किया जा सकता है।  उन्होंने आगे जोड़ा, “सौभाग्य से अधिकांश मामले हल्के होते हैं। गंभीरता केवल वयस्कों में होती है। वयस्कों में लाभ यह है कि उन्होंने अपना टीका भी ले लिया है। इसलिए उनके लक्षण थोड़े अधिक हैं लेकिन बच्चों में हल्के से मध्यम गंभीरता और सभी घर में ही प्रबंधित किया जा रहा है।”

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बच्चों में नज़र आ रहे लक्षणों के बारे में उन्होंने कहा, “बच्चे बुखार से पीड़ित हैं, उनमें से कुछ के गले में खराश है। कुछ बच्चों को चकत्ते हो रहे हैं और अन्य में उल्टी और दस्त के लक्षण हैं।” डॉ वर्मा ने सुरक्षा उपायों पर कहा, “टीकाकरण बीमारी की गंभीरता को रोकने में मदद करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि आपको अस्पताल या आईसीयू में ना जाना पड़े।साथ ही मास्क, हाथ धोने और सामाजिक दूरी अपनाने जैसे निर्देशों का पालन करें।”

डॉ नितिन ने कहा कि स्कूल के माहौल पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “तो जाहिर है, हमें स्कूल के माहौल पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि स्कूलों में यह सुनिश्चित हो सके कि मास्क अनिवार्य हैं। आप जानते हैं कि बच्चे कब खाना खा रहे हैं, उन्हें एक-दूसरे के करीब ना जाने दिया जाए। यही एक तरीका है जिससे हम स्कूलों में COVID के प्रसार को रोक सकते हैं।”

कोविड ​​​​के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों को बंद करने के मुद्दे पर, उन्होंने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है जब तक कि मामले बहुत अधिक न हों। उन्होंने कहा, “इसलिए, अगर मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है या हम गंभीर बीमारी के साथ कोविड ​​​​मामलों में वृद्धि देख रहे हैं, हां, स्कूलों को बंद करना महत्वपूर्ण है। लेकिन स्कूल में भी, हम ऐसे उपाय कर सकते हैं जैसे आपके पास एक हाइब्रिड मॉडल हो सकता है, जिसमें आधी संख्या में बच्चे आएं, ताकि आप सामाजिक दूरी बनाए रख सकें। लेकिन मुझे लगता है कि मौजूदा स्थिति और इस तथ्य को देखते हुए कि मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, मैं इस समय स्कूलों को बंद करने की सिफारिश नहीं करूंगा।”

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Edited By

Pulkit Bhardwaj

First published on: Aug 11, 2022 09:55 AM

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