Patients Recovering From music Therapy (सौरभ कुमार): आजतक आपने सुना होगा की संगीत दिल और दिमाग को शांत भी करता है और आपको रिफ्रेश भी करता है, लेकिन आज हम आपको बताएंगे की संगीत से मरीज ठीक भी होते हैं। भागलपुर के निजी अस्पतालों में विदेश जैसी इलाज अब संभव हो गई है। यहां पर मरीजों को म्यूजिक के माध्यम से इलाज किया जा रहा है। जी हां विश्वास नहीं हो रहा है न लेकिन यह सच है। बिहार के भागलपुर जिले के एक निजी अस्पताल में मरीजों को दवाई की जगह म्यूज से ठीक किया जा रहा है।
अस्पताल के डॉक्टरों की माने तो कई बार जब मरीजों को कोई संगीत की धुन सुनाई देती है तो उस दुनिया में वह चले जाता है। इससे वो किसी अन्य चीज़ों को नहीं सोचते हैं. ऐसे कई बार जब मरीजों का मन खाली रहता है तो वो अपनी बीमारी के बारे में सोचने लगते हैं। ऐसे में बीमार व्यक्ति जल्द सही नहीं हो पाता है।
संगीत थेरेपी है बेहतर उपचार (Patients Recovering From music Therapy)
संगीत थेरेपी उपचार का बेहतर विकल्प है। इसमें दवाई कम उपयोग होता है। अस्पताल में डॉक्टर अपने मरीजो को दो समय थेरेपी देते हैं। एक दोपहर के समय और एक बार संध्या के समय ये थेरेपी चलती है। जिसको जिस प्रकार का संगीत पसंद होता है उनको उस तरह की संगीत सुनाई जाती है।
म्यूजिक थेरेपी की क्या है खासियत?
सिर्फ म्यूजिक सुनाई ही नहीं जाती बल्कि उनके मनोरंजन के लिए डॉक्टर साथ में गाते भी हैं। इससे उनका मन बहलता है। खास बात इसमें यह होती है कि जब संगीत सुनाई जाती है, तब मरीजों को नींद काफी अच्छी आती है, जिससे मरीज जल्द ही रिकवर होते हैं। यह डिप्रेशन में जाने से बचाता है। अगर कोई मरीज डिप्रेशन का शिकार हो गया है तो उन्हें इस चीजों से निकालता भी है।
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आयुर्वेद में इस प्रक्रिया का होता है इस्तेमाल
इस पद्धति से आयुर्वेद में पहले भी इलाज होता था। लेकिन अब ये पद्धति खत्म होती जा रही है। हालांकि, साउथ की तरफ अभी भी म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से उपचार होता है। इस थैरेपी से रक्तचाप में वृद्धि, नींद में वृद्धि, प्रेसर को बढ़ाने में मदद, अधिक धड़कन को काबू करना सहित कई तरह के बीमारियों का इलाज किया जाता है।