Delhi Weather Update: देश के अलग-अलग राज्यों में उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। मानसून के सीजन में दिल्ली में भीषण उमस पड़ रही है। बिहार में भी यही हाल है, लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है? यही सवाल सबके मन में है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक दिल्ली में आने वाले दिनों में भी उमस से लोगों को रात मिलने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। बीते गुरुवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 37 डिग्री रहा, जोकि सामान्य से दो डिग्री अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 29.6 डिग्री रहा, जोकि सामान्य से दो डिग्री अधिक है। ये बताता है कि आखिर दिल्ली में इतनी ज्यादा गर्मी और उमस क्यों पड़ रही है।
पूरी जुलाई सताएगी उमस वाली गर्मी
स्काईमेट के मुताबिक जुलाई के पूरे महीने में दिल्ली में कम बारिश की संभावना है। 20 और 21 जुलाई को दिल्ली में बादल छाए रहेंगे और तेज बारिश हो सकती है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कमी आ सकती है। लेकिन उसके बाद 30 जुलाई तक उमस का सितम शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई में दिल्ली में सामान्य रूप से 209.7 मिमी बारिश होती है, लेकिन अब तक दिल्ली में इस साल सिर्फ 75.5 मिमी बारिश हुई है।
बिहार में गर्मी के कारण बच्चे हुए बेहोश
गर्मी और उमस का असर लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। बिहार में बीते दो दिनों से बारिश नहीं हो रही है। ऐसे में उमस वाली गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। गुरुवार को बेतिया के बैरिया प्रखंड के राजकीय माध्यमिक विद्यालय बैरिया बाजार में उमस भरी गर्मी के कारण 20 स्कूली बच्चे बेहोश हो गए। इनमें से 2 की हालत गंभीर थी। जहानाबाद में गर्मी के कारण बेचैनी महसूस होने से अचानक 9 छात्राएं बेहोश हो गईं। मामला अंबेडकर बालिका स्कूल का है।
दिल्ली में 19 जुलाई का मौसम
राजधानी दिल्ली में शुक्रवार, 19 जुलाई को हल्की बारिश का अनुमान है। आसमान में बादल छाए रह सकते हैं और अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रह सकता है। राजधानी के कुछ इलाकों में आज उमस भरा मौसम रहा और न्यूनतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया।
मुंबई में भारी बारिश का कहर जारी रहेगा
एक तरफ जहां मानसून दिल्ली में लोगों को परेशान कर रहा है। वहीं मुंबई में भारी बारिश का कहर जारी है। शुक्रवार को मुंबई सहित कोंकण के इलाके में भारी बारिश का अनुमान है। बारिश का ये सिलसिला अगले 4-5 दिन तक जारी रह सकता है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक भारी बारिश के चलते कनेक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बन सकते हैं।