Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी के ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस होने वाली सुनवाई शुक्रवार को टल गई है। अब इसकी सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। संभावना जताई जा रही है कि इस दिन कोर्ट की ओर से फैसला भी आ सकता है।
बता दें कि एक याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के अंदर पाए गए एक ‘शिवलिंग’ संरचना के कार्बन डेटिंग (carbon dating) की मांग की गई थी। इसी पर सुनवाई होनी थी। वहीं मुख्य प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने भी मस्जिद में स्थित कथित शिवलिंग की जांच कराने का विरोध किया था।
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29 सितंबर को की गई थी मांग
हिंदू पक्ष ने 29 सितंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ‘शिवलिंग’ की वैज्ञानिक जांच के साथ-साथ ‘अर्घा’ और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की मांग की थी। बता दें कि कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु का पता लगाती है।
ज्ञानवापी केस: कार्बन डेटिंग पर टल गया फैसला। अब 11 अक्टूबर को आएगा फैसला pic.twitter.com/HYEeQUY7SA
— News24 (@news24tvchannel) October 7, 2022
पूजा करने की मांगी थी अनुमति
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में 17 जुलाई को दायर अर्जी में याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने मस्जिद के तालाब (वजूखाना) में मिले ‘शिवलिंग’ के ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण, कार्बन डेटिंग और देवताओं की पूजा करने की अनुमति मांगी थी।
We said that it is part of our suit property and by virtue of Order 26 Rule 10A of CPC, the Court has power to direct scientific investigation. Muslim side has sought some time to reply. The matter will now be heard on October 11: Adv Vishnu Jain, representing the Hindu side pic.twitter.com/BndXQpjeTK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 7, 2022
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शिवलिंग होने का किया था दावा
ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मामले में चार महिला याचिकाकर्ताओं ने 16 मई को मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के दौरान मिले ‘शिवलिंग’ की प्रकृति, उम्र आदि का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जांच और कार्बन डेटिंग की मांग की थी। 6 और 16 मई और आखिरी दिन हिंदू पक्ष के वकीलों ने मस्जिद परिसर में एक ‘शिवलिंग’ की खोज का दावा किया। हालांकि मुस्लिन पक्ष की ओर से कहा गया था कि यह वजूखाना है।
इन दो मामलों पर भी होगी सुनवाई
वहीं मुस्लिम पक्ष कार्बन डेटिंग के खिलाफ था। उनका कहा है कि यह शिवलिंग नहीं एक फव्वारा है। इस मामले के अलावा दो और मामलों की सुनवाई आज यानी शुक्रवार को होगी। पहला मामला ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा करने की कोर्ट से मांग के संबंध में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दर्ज कराया मुकदमा है। वहीं दूसरा मामला ज्ञानवापी में मिले ‘शिवलिंग’ स्थल को हिंदुओं को सौंपने की मांग के सिलसिले में है। दोनों आवेदनों पर आज वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई होनी है।
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