नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर भारत से बाहर रहने वाले नागरिकों को उनके निवास स्थान या रोजगार से मतदान करने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा और लंबित याचिकाओं के साथ जनहित याचिका को टैग किया है।
SC notice to Centre on plea seeking voting rights for NRIs without physical presence
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#SC #VotingRights #NRI pic.twitter.com/OO2yacyyHC— ANI Digital (@ani_digital) August 17, 2022
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मतदान का अधिकार
पेश याचिका केरल प्रवासी संघ द्वारा दायर की गई है। याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को मतदान के दिन भारत में उनके संबंधित मतदान केंद्रों पर उनकी शारीरिक उपस्थिति पर जोर दिए बिना मतदान का अधिकार दिया जाए। याचिका में केंद्र सरकार से भारत के बाहर रहने वाले नागरिकों को उनके निवास स्थान या रोजगार से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 ए के तहत अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई है।
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शारीरिक रूप से उपस्थित हों
याचिका में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम, 2010 के प्रावधान जो यह अनिवार्य करते हैं कि एनआरआई अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव में वोट डालने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित हों, अनुच्छेद 14, 19 के तहत निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। और भारत के संविधान के 21. अधिनियम के तहत नियम विदेशों में रहने वाले नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने में विफल होते हैं और उन्हें अपने मताधिकार का प्रभावी ढंग से प्रयोग करने के अधिकार से वंचित करते हैं।
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