नई दिल्ली: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट अदित्य बल की पार्थिव देह जम्मू में उनके पैतृक स्थान पर पहुंची। इस दौरान भारी तादाद में शहरवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
बल उन दो पायलटों में से एक थे, जो 28 जुलाई; गुरुवार की रात राजस्थान के बाड़मेर जिले के पास भारतीय वायु सेना (IAF) के एक ट्विन-सीटर मिग -21 ट्रेनर विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे।
J&K | Mortal remains of Flight Lieutenant Advitiya Bal who lost his life in a MiG-21 fighter aircraft crash in Barmer, Rajasthan on 28th July., reaches his native place in Jammu pic.twitter.com/NbX2y3gM1z
— ANI (@ANI) July 30, 2022
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वायुसेना ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।
IAF ने एक बयान में कहा, “IAF को पायलटों के जान गंवाने का गहरा अफसोस है और शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।”
वायुसेना का अहम फैसला
रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 के बार-बार दुर्घटनाग्रस्त होने के मामलों के बीच भारतीय वायुसेना ने अहम फैसला लिया है। बता दें कि भारतीय वायु सेना 30 सितंबर तक मिग -21 बाइसन विमान के एक और स्क्वाड्रन को सेवानिवृत्त करने जा रही है।
गौरतलब है कि गुरुवार शाम राजस्थान के बाड़मेर में एक मिग-21 टाइप 69 ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें एक युवा फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए बाल और विंग कमांडर राणा सहित दोनों पायलट शहीद हो गए।
IAF के सूत्रों ने एएनआई को बताया, “श्रीनगर एयरबेस से बाहर स्थित 51 स्क्वाड्रन को 30 सितंबर को रिटायर किया जा रहा है। इसके बाद, विमानों के केवल तीन स्क्वाड्रन सेवा में रह जाएंगे और वर्ष 2025 तक चरणबद्ध हो जाएंगे।” उन्होंने कहा कि अब हर साल इन विमानों में से प्रत्येक पर एक स्क्वाड्रन की नंबर प्लेट जाएगी।