QS Asia Ranking 2024: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे को बुधवार को जारी क्यूएस एशिया रैंकिंग 2024 में लगातार दूसरी बार देश में सर्वश्रेष्ठ संस्थान का दर्जा दिया गया है। इतना ही नहीं भारत ने रैकिंग यूनिवर्सिटी की संख्या में चीन को पीछे छोड़ दिया है। क्यूएस एशिया की रैकिंग 2024 में यहां रिकाॅर्ड 148 यूनिवर्सिटीज ने अपनी जगह बनाई है वहीं चीन के 133 विवि ही इस लिस्ट में शामिल हो पाए।
क्यूएस विश्लेषकों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, भारत अब क्यूएस एशिया रैंकिंग में 148 विशिष्ट विश्वविद्यालयों के साथ सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाली उच्च शिक्षा प्रणाली है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 37 अधिक है। इसके बाद 133 के साथ चीन और 96 के साथ जापान है। इसके अलावा कंबोडिया, म्यांमार और नेपाल पहली बार शामिल हुए हैं।
एशिया के टाॅप-100 में 5 आईआईटी
क्यूएस के अनुसार आईआईटी बाॅम्बे, कानपुर, मद्रास, दिल्ली, खड़गपुर के अलावा आईआईएससी बैंगलोर और दिल्ली यूनिवर्सिटी भी देश के शीर्ष 100 संस्थानों में शामिल हुए हैं। क्यूएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा कि भारत ने पीएचडी संकेतक के साथ स्टाफ के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ औसत स्कोर हासिल किया, जो पिछले साल के 22 के मुकाबले 42.3 था। यह स्कोर मजबूत रिसर्च आउटपुट और एक उच्च योग्य संकाय निकाय का संकेत देता है। बयान में कहा गया, यह प्रदर्शन भारतीय संस्थानों के लिए अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के लिए अपनी अनुसंधान क्षमताओं का लाभ उठाने की क्षमता को दर्शाता है।
With 148 institutions, India has highest number of universities featured in QS World University Rankings-Asia, surpasses China
---विज्ञापन---— Press Trust of India (@PTI_News) November 8, 2023
भारत ने इस मामले में चीन को भी पछाड़ा
क्यूएस की रिपोर्ट की मानें तो भारत की आउटबाउंड छात्र गतिशीलता एक मील का पत्थर है। रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी बाॅम्बे ने 40वां स्थान हासिल किया है। इसके बाद आईआईटी दिल्ली ने 46वां स्थान और आईआईटी मद्रास 53वें स्थान पर रहा। रैकिंग की सूची में 30 और काॅलेजों को शामिल किया गया है। क्यूएस रैकिंग 2023 में देशा की 118 यूनिवर्सिटीज शामिल थी वहीं 2024 में 148 यूनिवर्सिटीज को इस सूची में जगह मिली है। कुल मिलाकर, चीन में पेकिंग विश्वविद्यालय ने एशिया में शीर्ष स्थान हासिल किया। उसके बाद हांगकांग विश्वविद्यालयए नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और सिंघुआ विश्वविद्यालय का स्थान रहा।