Mulayam Singh Yadav Passes Away: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा जिले में सैफई के एक बेहद साधारण परिवार में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का जन्म हुआ। गांव में प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने वाले मुलायम सिंह यादव ने तीन बार उत्तर प्रदेश सरकार की कमान संभाली। तीन बार मुख्यमंत्री रहने के अलावा मुलायम का राजनीतिक जीवन (Political journey of Mulayam Singh) काफी खास और अहम रहा। आइये उनके पूरे राजनीतिक जीवन पर एक नजर डालते हैं।
वर्ष 1960 में राजनीति में कदम रखा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 1960 में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने पहली बार राजनीति में कदम रखा। पहले लोगों को लगा एक शिक्षक और पहलवान राजनीति में क्या ही कर पाएगा, लेकिन उनके जीवन में राजयोग उनकी प्रतीक्षा में बैठा था। यहां से उनका राजनीतिक भाग्य का उदय हुआ। वर्ष 1967 में मुलायम पहली बार जनता द्वारा चुने जाने के बाद उत्तर प्रदेश की विधानसभा पहुंचे। रिपोर्ट्स की मानें तो मुलायम 8 बार विधायक चुने गए।
1989 में उत्तर प्रदेश की सीएम की कुर्सी संभाली
वर्ष 1976 में विधायक समिति के सदस्य बने। इसके बाद वर्ष 1977 में मुलायम सिंह सहकारी एवं पशुपालन मंत्री के पद पर काबिज हुए। वर्ष 1980 में लोकदल के अध्यक्ष भी चुने गए। इसके बाद 1989 में मुलायम सिंह ने पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। तो वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में नेता विपक्ष के रूप में सत्ताधारी दल की बखिया उधेड़ी। इसके बाद वर्ष 1993 से 1995 तक दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे।
देव गौड़ा सरकार में बने रक्षा मंत्री
इसके बाद वर्ष 1996 में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से पहली बार सांसद चुन कर लोकसभा पहुंचे। एसडी देव गौड़ा की अगुवाई वाली सरकार में 1996 में ही केंद्रीय रक्षा मंत्री बने। इसके बाद फिर से तीसरी बार वर्ष 2003-07 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2014 में आजमगढ़ और मैनपुरी से सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 2019 में जनता ने उन्हें मैनपुरी से अपना सांसद चुना। इसके बाद बेटे अखिलश द्वारा पार्टी की बागडोर संभालने के बाद वर्तमान में नेताजी मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक की भूमिका में हैं।