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गुजरात के ग्रोथ मॉडल पर उठे सवाल, संसद में सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

Gujarat Poverty Increased: 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के विकास मॉडल हथियार बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए थे। गुजरात की गिनती देश के विकसित राज्यों में होती है। मगर गुजरात सरकार की एक रिपोर्ट ने राज्य के विकास की पोल खोल कर रख दी है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Aug 20, 2024 15:21
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poverty in India

Gujarat Latest News Update: (भूपेंद्रसिंह ठाकुर अहमदाबाद) गुजरात की गिनती देश के टॉप 5 अमीर राज्यों में होती है। देश की जीडीपी में 8 प्रतिशत से ज्यादा योगदान देने वाले गुजरात को विकसित राज्य का दर्जा प्राप्त है। मुकेश अंबानी से लेकर गौतम अडानी तक देश के ज्यादातर बिग बिजनेस टायकून्स गुजरात से ताल्लुक रखते हैं, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरीखे कई बड़े नेता भी गुजरात से हैं। हालांकि गुजरात को लेकर हाल ही में एक बड़ा खुलास हुआ है, जिसने सभी को चौंका दिया है।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

डेवलप्ड स्टेट होने के बावजूद गुजरात में 1 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब हैं। गुजरात के गांवों में आज भी कई लोग दयनीय अवस्था में रहने को मजबूर हैं। इसका खुलासा संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट ने देश भर में विकसित गुजरात के दावों की पोल खोलकर रख दी है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ सालों में गुजरात में गरीबी तेजी से बढ़ी है। राज्य की कुल जनस्ख्या के 16.63 फीसदी लोग गरीब हैं। इनमें ज्यादा लोग गांव से ताल्लुक रखते हैं।

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आंकड़ों ने चौंकाया

गांव में रहने वाले 75 लाख 35 हजार यानी लगभग 21 प्रतिशत लोग गरीबी की श्रेणी में आते हैं। वहीं शहरों में रहने वाले 26 लाख 88 हजार यानी लगभग 10.4 प्रतिशत लोग गरीब हैं। संसद में सामने आई इस रिपोर्ट की मानें तो गुजरात के गांव में हर व्यक्ति रोजाना 26 रुपये खर्च करने में भी असमर्थ है, तो शहर में रहने वाले गरीबों के लिए रोजाना 32 रुपये खर्च करना भी मुश्किल हो जाता है।

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गरीबी की चपेट में आए ये जिले

गुजरात सरकार ने खुद विधानसभा में इन आंकड़ों पर मुहर लगाई है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 2 साल में 1359 परिवार गरीबी की चपेट में आ गए हैं। गुजरात के जिलों की बात करें तो साबरकांठा, पंचमहल, बनासकांठा, आनंद, जूनागढ़ और दाहोद में गरीब परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वहीं राज्य में लगातार बढ़ रही गरीबी सरकार के लिए भी चिंता का कारण बन गई है। कई गरीब परिवारों के पास रोटी-कपड़-मकान की सुविधा भी मौजूद नहीं है। इस रिपोर्ट ने गुजरात के विकास मॉडल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Aug 20, 2024 03:19 PM

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