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सिर्फ माथे पर ही नहीं बल्कि गले पर भी तिलक लगाने से खुल सकता है आपका भाग्य!

जाहिर सी बात है बहुत से लोग गले में टीका लगाते है, लेकिन क्या आपको पता है कंठ में टीका लगाना सही है? अगर नहीं तो आज हम जानेंगे कंठ पर टीका लगाते टाइम हमें किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 1, 2025 12:40

Astro Tips: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तिलक लगाना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि ऊर्जा और चेतना से जुड़ा एक गहरा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। लोग तिलक को सामान्यतः माथे पर लगाते हैं क्योंकि वह आज्ञा चक्र यानी तीसरी आंख का केंद्र होता है। लेकिन कुछ विशेष अवसरों या परंपराओं में कई लोगों को गले पर भी तिलक लगाते हुए देखा गया है। खासतौर पर संत-महात्माओं, साधकों या भक्तों द्वारा जब तिलक को कंठ (गले) पर लगाया जाता है तो उसका उद्देश्य आत्मशुद्धि, विनम्रता और भक्ति की गहराई को दर्शाता होता है।

गला या कंठ स्थान वाक् शक्ति यानी वाणी की शक्ति से जुड़ा होता है। तिलक लगाने से उस स्थान की ऊर्जा को नियंत्रित और शुद्ध किया जा सकता है। कई भक्त यह मानते हैं कि गले पर तिलक लगाने से कंठस्थ मंत्रों का प्रभाव बढ़ता है और बोलचाल में मधुरता संयम और सकारात्मकता आती है। हालांकि यह परंपरा बहुत प्रचलित नहीं है लेकिन यह भक्ति भाव नम्रता और आत्म नियंत्रण की एक सुंदर अभिव्यक्ति मानी जाती है।

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कंठ पर तिलक लगा रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान

शुद्ध वाणी का प्रयोग करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो भी व्यक्ति कंठ पर तिलक लगाता है, उसे शुद्ध और सकारात्मक बोलना चाहिए। कुछ भी गलत, कटु या नकारात्मक नहीं बोलना चाहिए। अन्यथा यह आपकी भक्ति का अपमान माना जाता है।

झूठ और अपवित्र वचन से बचें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गले में तिलक लगाकर कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही झूठी कसम खानी चाहिए।

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वाणी में हो संयम और मर्यादा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब आप कंठ में तिलक लगाते हैं तो उस दिन की गई आपकी हर बात में विशेष ऊर्जा होती है। जो भी आप बोलेंगे अच्छा या बुरा वह सच हो सकता है। इसलिए वाणी का उपयोग सोच-समझकर करें।

मंदिर जाने पर ही लगाएं कंठ तिलक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह तिलक सामान्य दिनों की बजाय मंदिर जाते समय या विशेष पूजा-पाठ के अवसर पर ही लगाया जाए तो श्रेष्ठ रहता है। इससे मन वचन और कर्म की पवित्रता बनी रहती है।

कंठ पर तिलक लगाना कोई साधारण क्रिया नहीं, बल्कि वाणी पर नियंत्रण, भक्ति की गहराई और आंतरिक शुद्धता का प्रतीक है। यदि इसे श्रद्धा और मर्यादा के साथ किया जाए तो यह आत्मिक विकास में सहायक हो सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

 

 

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First published on: May 01, 2025 12:40 PM

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