सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने 24 अगस्त, साल 2017 को याचिका को खारिज करते हुए दोनों याचिकाकर्ता स्वामी ओम (अब मृतक) और मुकेश जैन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने अपने निर्णय में माना था कि याचिका पूरी तरह से प्रेरित और प्रचार स्टंट थी। अब मामले में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया कि दोनों पर लगाए गए जुर्माने की रकम वसूली जाए।
SC directs Delhi Police to ensure recovery of Rs 10 lakh imposed on petitioner challenging ex-CJI Dipak Misra's appointment
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— ANI Digital (@ani_digital) August 6, 2022
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अन्य लोगों को रोका जाए
अदालत ने कहा दिल्ली पुलिस आयुक्त अदालत द्वारा पूर्व में दिए आदेश को विधिवत लागू करें। जिससे याचिकाकर्ताओं के समान स्थिति वाले व्यक्तियों को इस मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा अपनाई गई प्रथा का पालन करने से रोका जा सके। बता दें कोर्ट ने प्रत्येक याचिकाकर्ता के खिलाफ 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। पेश मामले में एक
याचिकाकर्ता मुकेश जैन ने अपनी याचिका में खुद के आईआईटी रुड़की (हिंदी माध्यम में) से एक इंजीनियर होने का दावा किया था। कोर्ट को बताया गया कि मुकेश जैन का कटक का पता नहीं मिला। जिससे उसके खिलाफ जारी वांट तामिल नहीं हो सका।
तीन माह माह का समय
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के आयुक्त अब यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे कि लागत के पुरस्कार के संबंध में इस न्यायालय के आदेश को विधिवत लागू किया जाए जिसे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा। अदालत ने आयुक्त को तीन महीने की अवधि के भीतर कदम उठाने और अनुपालन की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 7 नवंबर को सूचीबद्ध किया है।