Online Fraud: देश में इन दिनों ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि साल 2024 के पहले चार महीनों में भारतीयों ने लगभग 1750 करोड़ रुपये ऑनलाइन फ्रॉड में गवां दिए हैं। जनवरी से अप्रैल 2024 में नेशनल Cybercrime रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7 लाख 40 हजार से ज्यादा साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हुए हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अनुसार, मई 2024 में हर दिन औसतन 7,000 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की गईं, जो 2021-2023 के बीच 113.7% और 2022-2023 के बीच 60.9% की वृद्धि को दिखाता है।
इन्वेस्टमेंट के नाम पर हुए सबसे ज्यादा फ्रॉड
ऑनलाइन फ्रॉड में इन्वेस्टमेंट के नाम पर सबसे ज्यादा फ्रॉड हुए हैं, जिसमें 85% से ज्यादा मामले फाइनेंशियल स्कैम्स से जुड़े हैं। ज्यादातर लोगों को ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, गेमिंग ऐप्स, एल्गोरिथम Manipulations, इलीगल लेंडिंग ऐप्स, सेक्सटॉर्शन और ओटीपी फॉरवर्ड का यूज करके लोगों को टारगेट किया गया है। I4C डेटा के अनुसार, वर्ष 2023 में 1 लाख से ज्यादा इन्वेस्टमेंट स्कैम के मामले सामने आए थे।
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ट्रेडिंग स्कैम्स में गवांए अरबों रुपये
2024 के पहले चार महीनों में 4,599 मामलों में भारतीयों को 1.2 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। ट्रेडिंग घोटालों में 20,043 मामले शामिल थे, जिनमें 14.2 रुपये थे। इसी तरह, I4C डेटा के अनुसार, Trading Scams की 62,687 शिकायतों में 2.22 अरब रुपये का नुकसान हुआ और डेटिंग ऐप्स के कारण 1,725 शिकायतों में 132.3 मिलियन का नुकसान हुआ है। जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच भारतीयों द्वारा साइबर अपराधियों के हाथों गंवाई गई कुल राशि 17.6 अरब रुपये थी।
किस तरह से हो रहे हैं स्कैम?
देशभर से रोजाना अलग-अलग तरह के स्कैम के मामले सामने आ रहे हैं। कहीं कुछ लोगों को साइबर ठग किसी ऐप में इन्वेस्टमेंट करने पर डबल रिटर्न देने का वादा कर रहे हैं तो कुछ गेम्स खेलने पर पैसे जितने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। कुछ स्कैम्स में तो ऐसा भी देखा गया है कि स्कैमर्स आवाज बदल कर घर से दूर रहने वाले बच्चों के घर फोन करते हैं और कहते हैं ”मां मैं बड़ी मुश्किल में हूं मुझे अभी कुछ पैसे चाहिए और जोर-जोर से रोने लगते हैं”। ऐसे में परिवार के लोग भी तुरंत पैसे भेज देते हैं, लेकिन जब तक मामला समझ में आता है तब तक बहुत देर हो जाती है।
धोखाधड़ी वाले SMS पर नकेल
सरकार ने SMS स्कैम्स को रोकने के लिए भी हाल ही में बड़ी कार्रवाई की थी। गवर्नमेंट ने SMS हेडर के पीछे आठ ‘प्रमुख संस्थाओं’ को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, जिनका यूज पिछले तीन महीनों में 10,000 से ज्यादा धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजने के लिए किया गया था। दूरसंचार विभाग (DoT) ने गृह मंत्रालय (MHA) के सहयोग से संचार साथी पहल के जरिए नागरिकों को संभावित एसएमएस धोखाधड़ी से बचाने के लिए ये बड़ी कार्रवाई की थी।