DoT India Warning: इन दिनों देश में ऑनलाइन स्कैम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन लोग ऐसे स्कैम्स का शिकार हो रहे हैं, जिसमें उनकी मेहनत की कमाई मिनटों में उड़ जाती है। साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का यूज कर लोगों को डराने और धोखा देने का काम कर रहे हैं। इनमें से एक तरीका “Digital Arrest” का है, जिसके जरिए स्कैमर्स पीड़ित से पैसे वसूलते हैं। इसी के चलते सरकार ने भी मोबाइल फोन यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानें…
सरकार ने दी ये चेतावनी
भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लोगों को इस बढ़ते खतरे के बारे में जागरूक कर रहे हैं। हाल ही में दूरसंचार विभाग यानी DoT ने विदेशी नंबर्स से आने वाले फर्जी कॉल्स को लेकर अलर्ट जारी की है। दूरसंचार विभाग का कहना है कि कई फर्जी कॉल्स इन अंतरराष्ट्रीय नंबर कोड से किए जा रहे हैं। इन कॉल्स को उठाने से बचें…
- +77
- +89
- +85
- +86
- +84
दरअसल, सरकार ने इन नंबर्स से आने वाली कॉल्स पर खास ध्यान देने और धोखाधड़ी की आशंका होने पर तुरंत शिकायत करने को कहा है। आप Sanchar Saathi पोर्टल का इस्तेमाल करके इन कॉल्स की शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिससे सरकार इन नंबर्स को ब्लॉक कर पाएगी।
🚨 ALERT: Beware of International Fraud Calls!
---विज्ञापन---Ruko aur Socho:
👉 Be cautious of numbers like +77, +89, +85, +86, +84, etc.
👉 DoT/TRAI NEVER makes such calls.
Action Lo:
✅ Report suspicious calls on https://t.co/6oGJ6NSQal via Chakshu.
✅ Help DoT block these… pic.twitter.com/6No8DHss3o
— DoT India (@DoT_India) December 2, 2024
सरकारी अधिकारी बन मांगे पैसे
हाल ही में, एक 25 साल का स्टूडेंट भी “Digital Arrest” स्कैम का शिकार हुआ। कॉल करने वाले ने खुद को सरकारी अधिकारी बताया और कहा कि ”आपके फोन नंबर पर शिकायत दर्ज है”। इसके बाद “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाते हुए पैसे की डिमांड की। स्टूडेंट घबरा गया और अपनी सारी बैंक डिटेल्स शेयर कर दी, जिसके बाद उसके अकाउंट से पैसा उड़ गए।
तो कैसे बचें इस स्कैम से?
- अनजान अंतरराष्ट्रीय नंबरों से कॉल आने पर सावधान रहें।
- किसी भी कंडीशन में अपनी बैंक डिटेल्स, OTP, या पर्सनल जानकारी शेयर न करें।
- धोखाधड़ी का शिकार होने पर तुरंत Sanchar Saathi पोर्टल या साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर इसकी शिकायत करें।
- फर्जी धमकियों से न डरें और “डिजिटल अरेस्ट” जैसे झूठे दावों को इग्नोर करें।