अगर आप अपने ब्लॉग या सोशल मीडिया अकाउंट पर हेल्थ रिलेटेड कोई जानकारी शेयर करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपनी योग्यता साबित करनी होगी। उपभोक्ता मामलों के विभाग, विशेष रूप से हेल्थ और फाइनेंस के क्षेत्र में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की प्रक्रिया में हैं। इससे सरकार सुनिश्चित कर सकेगी कि वे आधी-अधूरी या भ्रामक जानकारी नहीं फैला रहे हैं। साथ ही यह भी निर्धारित किया जा सकेगा कि ऐसे इंफ्लुएंसर्स अपने फॉलोअर्स को आधी-अधूरी जानकारी न दें।
ब्लॉग और सोशल मीडिया अकाउंट पर देना होगा डिस्क्लेमर
इन दिशानिर्देशों के तहत, जो अगले महीने तक लागू होंगे, ऐसे प्रभावशाली लोगों को अपने प्लेटफॉर्म पर डिस्क्लेमर लगाना होगा, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे वास्तविक पोषण विशेषज्ञ हैं या सिर्फ किसी उत्पाद का प्रचार कर रहे हैं। इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर ब्लॉगर्स और इंफ्लुएंसर्स पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार सरकार इस बात को सुनिश्चित करना चाहती हैं कि इंफ्लुएंसर्स जिस भी प्रोडक्ट की जानकारी दे रहे हैं या पब्लिसिटी कर रहे हैं, वह सही भी है या नहीं। उन्होंने कहा कि इंफ्लुएंसर अपने प्लेटफॉर्म पर जो जानकारी देते हैं, उससे उपभोक्ता गुमराह हो जाते हैं, जिससे वे ऐसे उत्पाद खरीदते हैं जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
बिना काबिलियत नहीं शेयर कर सकेंगे हेल्थ और फाइनेंस से जुड़ी जानकारी
नए नियम लागू होने के बाद ऐसे इंफ्लुएंसरों यदि अपने दर्शकों को किसी विशेष प्रोडक्ट या पूरक का उपयोग करने के लिए कह रहे हैं, तो एक विशेषज्ञ के रूप में उन्हें अपनी योग्यता स्थापित करनी होगी। साथ ही ऐसे प्रभावशाली लोगों को उस विशेष उत्पाद के साथ अपना संबंध स्थापित करने के लिए डिस्क्लेमर भी देना होगा, और यह भी स्पष्ट करना होगा कि वे किस रूप में लोगों को यह जानकारी दे रहे हैं।
इसी प्रकार ऐसे फाइनेंशियल ब्लॉग या सोशल मीडिया अकाउंट चलाने वालों को भी इन दिशा-निर्देशों के दायरे में लाया जाएगा, जो विभिन्न वित्तीय उत्पादों या स्कीम्स की जानकारी अपने यूजर्स/ फॉलोअर्स को दे रहे हैं। उन्हें भी अपनी साख बतानी होगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि क्या वे योग्य वित्तीय सलाहकार हैं या निवेश सलाहकार की आड़ में सिर्फ एक विशेष योजना या वित्तीय उत्पाद का प्रचार कर रहे हैं और इस प्रकार इस प्रक्रिया में निवेशकों को धोखा दे रहे हैं।