Elon Musk Starlink direct-to-phone internet Service: टेक्नोलॉजी आये दिन और भी ज्यादा एडवांस होती जा रही है। Elon Musk की Starlink ने तो हाल ही में कुछ ऐसा किया है जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि अब मोबाइल टावर भी ‘गायब’ होने वाले हैं। दरअसल कंपनी ने डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के लॉन्च की घोषणा की है। यह एडवांस टेक्नोलॉजी ट्रेडिशनल मोबाइल टावर्स को दरकिनार करते हुए सीधे स्मार्टफोन को सैटेलाइट से जोड़ सकती है। इस पहल का उद्देश्य उन क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी को लाना है, जहां रेगुलर नेटवर्क कवरेज नहीं है।
फाइबर इंटरनेट से भी फास्ट सैटेलाइट नेटवर्क?
स्टारलिंक काफी तेजी से अपने सैटेलाइट नेटवर्क को और भी ज्यादा मजबूत कर रहा है। ट्वीकटाउन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स वर्तमान में 250-350 एमबीपीएस तक की स्पीड सैटेलाइट नेटवर्क से ले रहे हैं, जो कई फाइबर इंटरनेट से भी फास्ट है। उदाहरण के लिए, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में फाइबर नेटवर्क की स्पीड 50-60 एमबीपीएस है। यही नहीं स्टारलिंक ने यह भी कंफर्म किया है कि वह कई बड़े टेलीकॉम कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर रहा है। इस घोषणा को एलन मस्क ने भी शेयर किया है।
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Direct-to-Cell टेक्नोलॉजी क्या है?
यह टेक्नोलॉजी गेम-चेंजर मानी जा रही है क्योंकि यह रेगुलर सेल टावरों के बिना सैटेलाइट और स्मार्टफोन के बीच सीधा कनेक्शन बना सकती है। ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में भी इस टेक्नोलॉजी कि मदद से आपको शानदार कनेक्टिविटी मिलेगी। 2025 तक टेक्स्टिंग, कॉलिंग और डेटा सर्विस के लिए इसे और बेहतर किए जाने की प्लानिंग चल रही है। स्पेसएक्स का ये सिस्टम मोबाइल नेटवर्क और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी को जोड़ता है, जिससे यूजर्स को किसी खास हार्डवेयर या ऐप की जरूरत नहीं होती।
जुड़ेंगे लाखों IoT डिवाइस
डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी उन क्षेत्रों में कवरेज देगी, जहां नेटवर्क नहीं पहुंच पाता। यह तकनीक लाखों IoT डिवाइस को जोड़कर इंडस्ट्रियल और ग्लोबल ऑपरेशन्स को बेहतर बनाएगी। इतना ही नहीं ये टेक्नोलॉजी यूजर्स को आपात स्थितियों, ग्रामीण इलाकों या बिना नेटवर्क वाले क्षेत्रों में यात्रा करते समय बेहतर कनेक्टिविटी देगी।