AI GPU Unit Bid: भारत सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सरकार ने GPU यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट के डोमेस्टिक प्रोडक्शन पर खास ध्यान दिया है। ये GPU, AI मॉडल्स को ट्रेनेड करने में बेहद खास रोल निभाते हैं।
सरकार ने हाल ही में एक फैसला लिया है कि GPU टेंडर में केवल भारत में रजिस्टर्ड कंपनियां ही भाग ले सकेंगी। इसका मतलब है कि विदेशी कंपनियां, चाहे वे कितनी ही बड़ी क्यों न हों, इस Bid में शामिल नहीं हो सकती। इस कदम से भारत में AI इकोसिस्टम को मजबूत करने और देश में ही AI सर्विस का विकास करने का लक्ष्य है। यह निर्णय भारत को AI के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्यों है GPU इतना जरूरी?
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि GPU, AI मॉडल्स को ट्रेनेड करने में बेहद खास रोल निभाते हैं। GPU, CPU की तुलना में ज्यादा तेजी से और एफिशिएंसी से कॅल्क्युलेशन्स कर सकते हैं, जिससे AI ऍप्लिकेशन्स को ज्यादा तेजी से तैयार किया जा सकता है। GPU, आधुनिक AI ऍप्लिकेशन्स जैसे कि डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क के लिए भी आवश्यक हैं।
भारत सरकार की खास तैयारी
भारत सरकार ने GPU के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। भारतीय कंपनियों को GPU विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। साथ ही सरकार ने केवल भारत में रजिस्टर्ड कंपनियों को ही GPU टेंडर में भाग लेने की परमिशन दी है। जानकारी के मुताबिक, सरकार ने 1000 GPU के लिए बोली लगाने की योजना बनाई है।
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होंगे इतने फायदे
यह कदम भारत को AI क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। साथ ही इससे भारत में AI क्षेत्र में नौकरी के अवसर पैदा होंगे। AI के विकास से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं आने वाले समय में भारत AI टेक्नोलॉजी में एक वैश्विक नेता बन सकता है।