GST on Gangajal? सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गंगाजल पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी लगाया है। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी एक्स पोस्ट में दावा किया कि सीबीआईसी ने पवित्र गंगाजल पर 18 फीसदी जीएसटी लगा दिया है। आइए यहां पर जानते हैं कि गंगाजल पर जीएसटी लगाए जाने का दावा सच या अफवाह?
सीबीआईसी ने खुद अपनी सफाई दी
सोशल मीडिया पर गंगाजल पर जीएसटी लगाए जाने वाली अफवाहों पर सीबीआईसी ने खुद अपनी सफाई दी है कि गंगाजल ‘पूजा सामग्री’ है, इसलिए यह जीएसटी के अंतर्गत नहीं आता है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष ने गुरुवार को एक पोस्ट कर दावा किया था कि एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसकी जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी मां गंगा का महत्त्व बहुत ज्यादा महत्व है। अच्छी बात है की आप आज उत्तराखंड में हैं पर आपकी सरकार ने तो पवित्र गंगाजल पर ही 18% GST लगा दिया है। यही आपकी सरकार के लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।
मोदी जी,
---विज्ञापन---एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसकी जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी माँ गंगा का महत्त्व बहुत ज़्यादा है।
अच्छी बात है की आप आज उत्तराखंड में हैं, पर आपकी सरकार ने तो पवित्र गंगाजल पर ही 18% GST लगा दिया है।
एक बार भी नहीं सोचा कि जो लोग अपने घरों में गंगाजल मँगवाते हैं,… pic.twitter.com/Xqd5mktBZG
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 12, 2023
पूजा सामग्री को जीएसटी के तहत छूट दी गई
सीबीआईसी ने गंगाजल पर जीएसटी लगाए जाने वाली अफवाहों को लेकर एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वस्तु एवं सेवा कर लागू होने (1 जुलाई, 2017) से लेकर अब तक कभी भी प्रार्थना वस्तुओं पर लागू नहीं किया गया है। देश भर के घरों में पूजा में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और पूजा सामग्री को जीएसटी के तहत छूट दी गई है। 18/19 मई 2017 और 3 जून 2017 को हुई जीएसटी परिषद की क्रमशः 14वीं और 15वीं बैठक में पूजा सामग्री पर जीएसटी पर विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें छूट सूची में रखने का निर्णय लिया गया। इसलिए, जीएसटी की शुरूआत के बाद से इन सभी वस्तुओं को छूट दी गई है।
Clarification regarding certain media reports on applicability of GST on Gangajal. pic.twitter.com/t598ahN07x
— CBIC (@cbic_india) October 12, 2023
सीबीआईसी के बयान का विरोध करने की कोशिश की
बता दें कि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग सीबीआईसी की ओर से यह स्पष्टीकरण कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किए जाने के बाद आया है कि अब से पवित्र जल जीएसटी के तहत आएगा, जिस पर कर की दर 18% होगी। इन रिपोर्टों के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा। साथ ही कुछ लोगों ने गंगाजल सेवाओं पर इंडिया पोस्ट के आरोपों के स्क्रीनशॉट के साथ सीबीआईसी के बयान का विरोध करने की कोशिश की, जिसमें कहा गया था कि गंगाजल ‘जीएसटी में शामिल है।’ हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह 18% कर डाक/कूरियर सेवाओं पर है, न कि गंगाजल।