Israel Hamas war Al Qassam Brigade terrorist organization still on battlefield after 3 weeks: Israel Hamas war Al Qassam Brigade terrorist organization still on battlefield after 3 weeks: 7 अक्टूबर को दुनिया ने हमास का न सिर्फ नाम सुना बल्कि उसकी बर्बरता के प्रमाण देखे। वो क्रूरता देखी, जिसकी कल्पना मात्र से इंसान सिहर उठे। इजराइल-हमास की जंग को लेकर दुनिया दो धड़ों मे बंटी है, इस सवाल के साथ कि हमास आतंकी संगठन है या अपनी ज़मीन की रक्षा करने वाली फौज? सवाल ये भी कि आखिर इजराइल पर हमले के पीछे किसका दिमाग है? इजराइल को मिले गहरे घाव के पीछे कौन है? खैर, इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को 21 दिन गुजर चुके हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। इस बीच एक नाम खूब ट्रेंड कर रहा है और वो है ‘अल-कस्साम ब्रिगेड’।
अल कस्साम ब्रिगेड, हमास की वो यूनिट है जो इजराइल पर हमले करती है। हमास की नींव रखने वाले शेख अहमद यासीन ने इस यूनिट को 1991 में बनाया था। हमास ने किसी देश की आर्मी की तरह अपनी 3 यूनिट्स बना रखी हैं। ये तीनों यूनिट्स हैं- मिलिट्री विंग यानी अल कस्साम ब्रिगेड, सोशल सर्विस विंग यानी दावाह और हमास की मीडिया विंग, जो अल अक्सा टीवी और अल फतेह मैगज़ीन का संचालन संभालती है।
अल कस्साम ने ही इजराइल को संभलने का मौका तक नहीं दिया
जनसंख्या और क्षेत्रफल कम होने के बावजूद, इजरायल काफी मजबूत देश माना जाता है। इजराइल की तकनीक, हथियार, सैन्य क्षमता और इंटेलिजेंस का कोई जवाब नहीं है। लेकिन हमास के मुट्ठी भर आतंकियों ने इजराइल पर हमले किए, उससे इजराइल को संभलने तक का मौका नहीं मिला। जब तक इजराइल जवाबी कार्रवाई करता, हमास के आतंकी अपना काम करके वापस जा चुके थे। उन्होंने एक साथ नभ, जल और थल से हमला किया था। इस खौफनाक प्लान को हमास की सबसे खूंखार ब्रिगेड ‘अल कस्साम’ ने अंजाम दिया है।
7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के बाद हमास की चर्चा तो सभी कर रहे हैं, लेकिन इसके हमास की इस कार्रवाई के पीछे तीन लोग छिपे हैं, जिनमें इस्माइल हानिया, मोहम्मद दाएफ और मार्वन ईसा शामिल है। इन तीनों लोगों ने ही इजराइल को कभी ना भूलने वाला जख्म दिया है। इस्माइल हानिया, हमास का चीफ है, जबकि मोहम्मद दाएफ अल-कस्साम ब्रिगेड का प्रमुख है और मार्वन ईसा अल-कस्साम ब्रिगेड का डिप्टी चीफ है।
मोहम्मद दाएफ कई सालों से इजराइल की ‘मोस्ट वांटेड’ लिस्ट में टॉप पर है। इजराइल ने 2021 में उसे 7 बार मारने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। गाजा की वो अल कस्साम ब्रिगेड ही है, जिसने इजराइल को खून के आंसू रुलाया है। रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान से मिली मदद के बाद हमास ने न सिर्फ अंडरग्राउंड बंकर्स तैयार कर लिए हैं, बल्कि अंडर ग्राउंड फैक्ट्रियों तक का निर्माण कर लिया है, जहां बड़े पैमाने पर रॉकेट्स और ड्रोन का निर्माण किया जाता है। हमास जिन हथियारों को नहीं बनाता, उनकी समुंद्र के रास्ते तस्करी की जाती है।
आखिर हमास को क्यों खत्म नहीं कर पा रहा इजराइल?
रिपोर्ट्स की माने तो अल कस्साम ब्रिगेड के कारण ही हमास पिछले 21 दिनों से इजराइल के सामने टिका हुआ है। अल कस्साम में 30 हजार लड़ाके हैं। इसमें नकाब फोर्स, नेवल कमांडो, रॉकेट ब्रिगेड, अंडरग्राउंड टीम और एयर विंग शामिल है। अल-कस्साम की सबसे खास ‘रॉकेट ब्रिगेड’ के अंदर भी कई ब्रिगेड हैं- जैसे राफा ब्रिगेड, खान यूनिस ब्रिगेड, सेंट्रल ब्रिगेड, गाजा ब्रिगेड और उत्तरी गाजा स्ट्रिप ब्रिगेड, जो जंग लड़ रही है।
अल कस्साम, वो ब्रिगेड है जिसने 1994 से 2000 तक इजराइलियों के खिलाफ कई बड़े हमलों को अंजाम दिया। अल कस्साम किसी सुसंगठित संगठन की तरह काम करता है। कहा जाता है कि जैसै किसी देश की सेना किसी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए काम करती है, उसी तरह अल कस्साम भी स्ट्रैटर्जी बनाती है, जिसके बाद उसे उसके लड़ाके अंजाम देते हैं। अल कस्साम ने अपनी विंग को 4 यूनिट में बांटा है। इन चारों यूनिट को मुश्किल से मुश्किल ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे किसी भी परिस्थिति में लड़ सके।
अल कस्साम की मिसाइल यूनिट तो बहुत ही कुशल है, लेकिन इस बार के जंग के लिए एयरबॉर्न और ड्रोन यूनिट को खास तैयार किया गया था। हमास ने जब 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया तो कुछ फोटोज में हमास के लड़ाके पैराग्लाइडर से गोलियां बरसाते देखे गए। ये लड़ाके एयरबॉर्न यूनिट के आतंकी थे। इन लड़ाकों को एयरफोर्स फाल्कन स्क्वाड्रन बैज के साथ देखा गया था।
अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA की मानें तो अल-कासिम के लड़ाके हथियार बनाते हैं। वे रॉकेट और ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं, जिसे बनाने में इन्हें महारत है। इजराइली डिफेंस फोर्स के मुताबिक, अल-कासिम ब्रिगेड के लड़ाके पाइप से रॉकेट बना लेते हैं। IDF ने इससे जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया था।
इस्लामिक स्टेट यानी ISIS से कम खतरनाक नहीं है अल कस्साम ब्रिगेड
हमास की अल-कस्साम ब्रिगेड को कुख्यात आतंकी संगठन ISIS से कम खूंखार नहीं माना जाता, जिसका ताजा उदाहण इजराइल पर हमास के हमले हैं। ऐसे हमले जिसने नेतन्याहू की शक्तिशाली डिफेंस को तितरबितर कर दिया। हमास की मिलिट्री विंग और उसके आकाओं के बारे में जानकारी के साथ-साथ ये भी जान लीजिए कि आखिर हामस का ढांचा है कैसा?
- हमास में टॉप पोजिशन पोलित ब्यूरो की होती है। पोलित ब्यूरो ही हमास को संचालित करता है। पोलित ब्यूरो के 15 सदस्य होते हैं, जिसका प्रमुख है हमास का सुप्रीम लीडर इस्माइल हानिया।
- पोलित ब्यूरो के नीचे डेलिगेशन अब्रोड यानी की विदेशी प्रतिनिधिमंडल और इसके साथ ही शूरा काउंसिल भी होती है। शूरा काउंसिल की मदद से ही हमास प्रमुख फैसले लेता है।
- शूरा काउंसिल के चार अंग हैं, जिसमें वेस्ट बैंक अफेयर्स, जेल में बंद कार्यकर्ताओं के मामले, गाजा पट्टी के मामले और फिलीस्तीन प्रवासी मामलों को देखने वाली बॉडी होती है।
- गाजा पट्टी से जुड़ी अहम मामलों की कमान, हमास की मिलिट्री विंग अल-कस्साम ब्रिगेड के हाथ में होती है। ये गाजा पट्टी के भीतर संचालित होने वाला सबसे बड़ा संगठन है।
अल कस्साम कैसे अपने लड़कों को तैयार करता है?
अल कस्साम किस तरह अपने लड़ाकों को तैयार करता है? उसकी फंडिंग कौन करता है और किसके दम पर अल कस्साम को इतनी ताकत मिलती है? रिपोर्ट पर यकीन करें तो हमास की सैन्य क्षमता में ईरान की बहुत बड़ी भूमिका है और हमास की आर्मी कहे जाने वाले अल-कस्साम के पास जो ज्यादातर हथियार हैं, वो ईरान के दिए हुए हैं। ईरान से अल कस्साम को छोटी से बड़ी दूरी तक मार करने वाले रॉकेट का जखीरा भी दिया हुआ है। इन्हीं रॉकेट की मदद से अल कस्साम बड़ी आसानी से इजराइल के रिहाइशी इलाकों को निशाना बना रहा है।
7 अक्टूबर को जब हमास ने इजराइल पर हमले किए थे, तब उसने 5 हजार से ज्यादा रॉकेट और मिसाइलें इजराइल पर दागे थे और इस हमले के बाद कुछ बड़े सवाल खड़े हो गए थे। सबसे बड़ा सवाल ये था कि हमास के पास इतने हथियार कहां से आए? ये घातक हथियार हमास को कौन दे रहा है? ये हथियार हमास तक कैसे पहुंच रहे हैं?
अल-कस्साम की असली पावर है क्या?
- कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल
- कॉर्नेट एंटी-टैंक मिसाइल
- यासीन RPG (एंटी-टैंक रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड)
- M-302 रॉकेट
- कस्साम रॉकेट
- अल-कुद्स रॉकेट
रिपोर्टस के अनुसार, हमास की अल-कस्साम के पास सिर्फ रॉकेट और मिसाइल ही नहीं बल्कि कई और घातक हथियार भी हैं। रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि 7 अक्टूबर के हमले में हमास ने कुछ खास तरह के ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। इसीलिए हमास और इसकी फौज अल-कस्साम को कई पश्चिमी देशों ने बैन कर रखा है। अल कस्साम ब्रिगेड को यूरोपीय यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मिस्र और यूनाइटेड किंगडम ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। वहीं, अमेरिका और कनाडा ने हमास को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया है।