---विज्ञापन---

Explainer

Explainer: क्या है लेखानुदान और यह अंतरिम बजट से कितना अलग? 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण करेंगी पेश

Budget 2024 Explainer: साल 2024 चुनावी साल है, इसलिए पूर्ण नहीं अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। इसके साथ ही लेखानुदान भी पेश होगा, आखिर यह क्या है और यह बजट से कितना अलग है, जानिए।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Dec 19, 2023 18:18
Budget 2024 Explainer
Budget 2024 Explainer

Vote on Account Vs Interim Budget Explainer: बजट 2024 पेश करने की तैयारी शुरू हो गई है। एक फरवरी 2024 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी, लेकिन यह अंतरिम बजट होगा, क्योंकि इसी साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। इसलिए पूर्ण बजट आम चुनाव 2024 होने के बाद नई सरकार बनने के बाद पेश होगा। यह संसदीय प्रथा है। चुनावी वर्ष में सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं करती है। इससे पहले साल 2019 में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। वहीं आज तक 14 अंतरिम बजट पेश हो चुके हैं। संसद अंतरिम बजट के जरिए लेखानुदान (Vote On Account) पारित करती है, जिससे मौजूदा सरकार को खर्चे पूरे करने का समय मिल जाता है। यह 2 महीने के लिए वैध होता है, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

यह भी पढ़ें: Explainer: आखिर चीन में भूकंप आने से क्यों मचती है इतनी तबाही?

---विज्ञापन---

क्या है अंतरिम बजट?

चुनावी साल में सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर सकती। अंतरिम बजट पेश करके मौजूदा सरकार वित्तीय वर्ष के आखिर तक अपने खर्चों को पूरा करने के लिए संचित निधि से पैसा निकालने की मांग करती है। यह केंद्रीय बजट जैसा होता है। इसमें सत्तारूढ़ सरकार अपने खर्चे, राजस्व, राजकोषीय घाटे को पेश करती है। आगामी वित्त वर्ष के लिए अनुमान प्रस्तुत करती है। यह 3 से 4 महीने के लिए पेश किया जाता है। इस बजट में टैक्स प्रस्ताव नहीं होते, लेकिन सत्तारूढ़ सरकार मतदाताओं को खुश करने के लिए लोकलुभावन घोषणाएं करती है। अंतरिम बजट में कोई बड़ी नीतिगत घोषणा नहीं की जाती। अंतरिम बजट में कोई बड़ी योजना शामिल करने की भी परमिशन नहीं होती। आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश नहीं किया जाता। वहीं अंतरिम बजट सदन में चर्चाहोनके बाद ही पारित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: निलंबित सांसदों के पास अब आगे क्या विकल्प? Parliament Session में सस्पेंड हो चुके हैं 141 मेंबर्स

---विज्ञापन---

अंतरिम बजट और लेखानुदान में प्रमुख अंतर

  • अंतरिम बजट में खर्चे और राजस्व शामिल होते हैं। लेखानुदान में केवल सरकार द्वारा किए गए खर्चे शामिल होते हैं।
  • अंतरिम बजट पर लोकसभा में चर्चा होती है और फिर इसे पारित किया जाता है। लेखानुसान बिना चर्चा के पारित किया जा सकता है।
  • अंतरिम बजट कर व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव हो सकता है, लेकिन लेखानुदान करों में बदलाव नहीं कर सकता।
  • अंतरिम बजट पूर्ण बजट के समान होता है, लेकिन इसमें केवल कुछ महीनों के लिए अनुमान होते हैं। लेखानुदान को अंतरिम बजट जरिए पारित किया जा सकता है।
  • अंतरिम बजट पूरे वर्ष के लिएहोता है। लेखानुदान 2 महीने के लिए वैध होता है।

यह भी पढ़ें: MLA Chirag Patel कौन हैं, जिन्होंने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बताया क्यों छोड़ी पार्टी और अब आगे क्या?

First published on: Dec 19, 2023 06:16 PM

संबंधित खबरें