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Explainer: सीमा वार्ता के दौरान चीन की चाल, भूटान में कर रहा घुसपैठ की कोशिश, क्यों भारत के लिए चिंता का विषय?

Bhutan-China border talks concern for India: ब्रिटिश थिंक टैंक चैटम हाउस की रिपोर्ट के अनुसार चीन, भूटान में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। यह कोशिश भूटान के साथ सीमा वार्ता के दौरान की जा रही है।

Edited By : Pratyaksh Mishra | Updated: Dec 11, 2023 20:13
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Jakarlung Valley(Image Credit - Chatham House)

Bhutan-China border talks concern for India: भूटान को लेकर चीन का रवैया जगजाहिर है। भले ही चीन ने भूटान के साथ अपने सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, लेकिन इसने बीजिंग सरकार को भूटान के नार्थ में लगातार कंस्ट्रक्शन कर रहा है। ब्रिटिश थिंक टैंक चैटम हाउस(Chatham House) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भूटान की सुदूर जकारलुंग घाटी(जो बेयुल खेनपाजोंग क्षेत्र का हिस्सा है) में चौकियां बनाई हैं। बता दें कि यह रिपोर्ट बीजिंग और थिम्पू द्वारा सीमा वार्ता समझौते को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बीच आई है। आइए, हम समझाते हैं कि चीन कैसे भूटान पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है।

भूटान में अपने पैर जमा रहा चीन

लन्दन स्थित थिंक टैंक चैटम हाउस के अनुसार, सितंबर की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन के पास जकारलुंग घाटी में एक निर्माणाधीन(under construction) बस्ती और एक बड़े रोड नेटवर्क का निर्माण कर रहा है। वहीं मैक्सार की तस्वीरों के अनुसार, एक बस्ती में आवासीय क्वार्टर और पास के दूसरे एन्क्लेव में 60 से अधिक इमारतें बनाई जा रही हैं। बता दें कि यह कंस्ट्रक्शन अगस्त 2021 के बाद किया गया।

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सांस्कृतिक विरासत से छेड़छाड़

जकारलुंग वैली, बेयुल खेनपाजोंग वैली से जुड़ी है, जो भूटानी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्र है। चीन, नार्थ भूटान की मेनचुमा घाटी में निर्माण कार्य कर रहा है, जो बेयुल के ईस्ट में लगभग 1.9 किमी की दूरी पर स्थित है। इससे स्पष्ट है कि चीन भूटान के लोगों की सांस्कृतिक विरासत को मान्यता नहीं देता। जबकि भारत, भूटान के बौद्ध और हिन्दू धर्म को संरक्षण करने पर जोर देता है। इस बात को भूटान भलीभांति समझता है।

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भारत के लिए क्यों चिंता का विषय?

भूटान में चीन का हस्तक्षेप, भारत के लिए कई द्रष्टिकोण से चिंता का विषय है। थिम्पू और बीजिंग के बीच समझौते में नार्थ में विवादित क्षेत्रों के लिए भारत, भूटान और चीन के बीच ट्राइ-जंक्शन के करीब स्थित डोकलाम की अदला-बदली शामिल हो सकती है। वहीं भारत डोकलाम पठार को भूटान का निर्विवाद क्षेत्र मानता है, जबकि बीजिंग इसे अपनी चुम्बी घाटी का एक्सटेंशन मानता है, जो सिक्किम और भूटान के बीच स्थित है। यह पठार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर के करीब है, जो भारतीय मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर से जोड़ता है। यह गलियारा भारत को तिब्बत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी जोड़ता है, ऐसे में भारत के लिए यह विषय चिंता का विषय बना हुआ है।

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Written By

Pratyaksh Mishra

First published on: Dec 11, 2023 08:13 PM

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