Dadasaheb Phalke Award 2022: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस साल दिए जाने वाले दादा साहब फाल्के अवॉर्ड्स की घोषणा कर दी है। दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहब फालके अवॉर्ड से सम्मानित किया जायेगा। दादा साहब फाल्के अवॉर्ड्स का आयोजन 30 सितंबर को किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री ने ट्ववीट पर लिखा कि आशा पारेख 95 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं।
बता दें कि फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों को उनके उल्लेखनीय काम को सम्मानित करने के लिए हर साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड्स का आयोजन किया जाता है। 79 साल की आशा पारेख को यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विज्ञान भवन में प्रदान करेंगी।
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आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ। पिता प्रणलाल पारेख और मुस्लिम मां सुधा पारेख के घर जन्मीं आशा इकलौती संतान रहीं। उनकी मां ने उन्हें कम उम्र में शास्त्रीय नृत्य सीखने भेजना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने महारथ हासिल कर कई स्टेज शोज किए।
आशा पारेख को दस साल की उम्र में मिली ‘मां’
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय ने एक मंच समारोह के दौरान उनका नृत्य देखा और दस साल की छोटी उम्र में उन्हें फिल्म मां (1957) में कास्ट किया। लोगों ने उन्हें इसमें काफी पसंद किया और एक बार फिर से उन्हें बाप बेटी (1954) में बाल कलाकार के कास्ट किया गया।
Dada Saheb Phalke Award to be conferred to actor Asha Parekh this year: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/gP488Ol4zH
— ANI (@ANI) September 27, 2022
हालांकि, बाद में असफलता के चलते उन्होंने निराश किया, और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा फिर से शुरू करने के लिए एक्टिंग इंडस्ट्री छोड़ दी। हालांकि, सोलह साल की उम्र में, उन्होंने फिर से अभिनय करने और नायिका के रूप में अपनी शुरुआत करने का फैसला किया।
आशा पारेख को ‘गूंज उठी शहनाई’ से इसलिए निकाला
निर्देशक विजय भट्ट ने उन्हें गूंज उठी शहनाई (1959) से निकाल दिया और दावा किया कि वह स्टार मैटेरियन नहीं थीं। लगभग तुरंत, फिल्म निर्माता ससाधर मुखर्जी और लेखक-निर्देशक नासिर हुसैन ने उन्हें दिल देके देखो (1959) में नायिका के रूप में कास्ट किया, जिसने उन्हें एक बहुत बड़ा स्टार बना दिया। शम्मी कपूर उनके पसंदीदा नायक और दोस्त बन गए, और उन्होंने तीन और फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें सबसे प्रसिद्ध मर्डर मिस्ट्री तीसरी मंजिल (1966) थी।
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