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कपूर खानदान के इस चिराग की कभी क्यों नहीं बनी बायोग्राफी? फिल्मी करियर में कीं 160 जबरदस्त फिल्में

कपूर खानदान का हिंदी सिनेमा में एक अहम योगदान है। इस परिवार ने इंडस्ट्री को कई सुपरस्टार्स दिए हैं, जिनकी फैन फॉलोइंग गजब की रही है। इस फैमिली का एक चिराग ऐसा है जिसने अपने करियर में करीब 160 फिल्में कीं लेकिन आज तक उसकी बायोग्राफी कही नहीं छपी।

Author Edited By : Himanshu Soni Updated: Apr 11, 2025 17:53
Kapoor Family Son Shashi Kapoor
Kapoor Family Son Shashi Kapoor

बॉलीवुड के सुनहरे दौर की बात हो और कपूर खानदान का नाम न आए, ऐसा मुमकिन नहीं। इस परिवार ने भारतीय सिनेमा को न सिर्फ पहचान दी बल्कि अभिनय की परंपरा को एक नई ऊंचाई भी दी। इसी वंश के एक अभिनेता रहे शशि कपूर, जिनकी मुस्कान, डायलॉग डिलीवरी और सादगी आज भी उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा है। उन्होंने करीब 160 फिल्मों में अभिनय किया, मगर आज तक उनकी जिंदगी के पन्ने पूरी तरह से किसी किताब में दर्ज नहीं हुए। आखिर ऐसा क्यों रहा, चलिए आपको बताते हैं।

शशि कपूर ने हमेशा परिवार को रखा आगे

शशि कपूर उन चंद सितारों में से एक थे जिन्होंने ग्लैमर की दुनिया में रहकर भी निजी जीवन को बेहद निजी रखा। जहां आजकल हर दूसरा कलाकार अपनी आत्मकथा या बायोपिक के जरिए खुद को पेश करता है, वहीं शशि कपूर ने हमेशा इससे दूरी बनाए रखी। उन्हें अपने परिवार, खासकर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर, पत्नी जेनिफर और बच्चों की उपलब्धियों पर ज्यादा गर्व था, बजाय अपनी शख्सियत को केंद्र में रखने के।

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बायोग्राफी के लिए किया मना 

फेमस लेखिका मधु जैन ने अपनी किताब ‘द कपूर्स: द फर्स्ट फैमिली ऑफ इंडियन सिनेमा’ में इस बात का जिक्र किया है कि जब उन्होंने एक बार शशि कपूर से उनकी बायोग्राफी पर काम करने की बात की, तो शशि ने सादगी से मना कर दिया। उनका साफ कहना था कि अगर कुछ लिखा जाना चाहिए, तो वो उनके पिता के थिएटर सफर, पत्नी की कला के प्रति समर्पण और उनके बच्चों की उपलब्धियों के बारे में होना चाहिए – न कि उनके बारे में।

शशि कपूर की ये सोच उन्हें बाकी सितारों से अलग बनाती है। फिल्मों में वो चाहे जितने बड़े स्टार रहे हों, निजी जीवन में वो उतने ही विनम्र और जमीन से जुड़े इंसान थे। उनकी ये विनम्रता ही उन्हें एक कलाकार के साथ-साथ एक बेहतरीन इंसान बनाती है।

अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में भी पहचान बनाई

गौरतलब है कि शशि कपूर ने न सिर्फ हिंदी सिनेमा में बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई। वो भारत के उन चुनिंदा अभिनेताओं में से थे जिन्होंने विदेशी फिल्मों में भी काम किया और भारतीय कला को वैश्विक मंच पर पेश किया। बावजूद इसके, उन्होंने कभी अपने काम का ढिंढोरा नहीं पीटा।

उनकी जिंदगी एक ऐसी किताब है जो कभी छपी नहीं, लेकिन जिसने अभिनय, सम्मान और सादगी का ऐसा पाठ पढ़ाया है, जिसे लाखों लोग आज भी याद करते हैं। उनकी नजर में आत्मप्रशंसा की कोई जगह नहीं थी, वो उस दौर के कलाकार थे जो अपने काम से बोले करते थे।

शशि कपूर का ये अंदाज आज के दौर के सितारों के लिए भी एक मिसाल है कि कलाकार वही जो रोशनी में रहकर भी अपनी छाया में सुकून पाए। शायद इसीलिए शशि कपूर भले ही आज हमारे बीच न हों, लेकिन उनके विचार, उनके संस्कार और उनका काम आज भी जीवंत है और हमेशा रहेगा।

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First published on: Apr 11, 2025 05:53 PM

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