बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और जयदीप अहलावत की फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ 25 अप्रैल को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर दी गई है। इस फिल्म में सैफ ने एक चोर की किरदार प्ले किया है, जो हीरा ‘रेड सन’ चुराता है। फिल्म की पूरी कहानी इसी चोरी के इर्द-गिर्द घूमती है। वहीं जयदीप अहलावत ने एक माफिया का किरदार निभाया है, जो बाहरी दुनिया में एक आर्ट कलेक्टर है। रिलीज से पहले ‘ज्वेल थीफ’ का खास इंतजार किया जा रहा था लेकिन रिलीज के बाद इसे कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। आज हम आपको ‘ज्वेल थीफ’ की 5 खामियां बताएंगे…
सस्ती और उबाऊ कहानी
सैफ अली खान की फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ की शुरुआत राजन औलख (जयदीप अहलावत) से होती है, जो रेड सन हीरे को हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकता है। इसके लिए वह रेहान रॉय (सैफ अली खान) के पिता को फंसाता है, जिससे रेहान हीरे को चुराने में उसकी मदद कर सके। फिल्म की शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है तो उबाऊ लगने लगती है। मेकर्स ने कहानी को जबरदस्ती खींचा है।
धूम 2 की आ जाएगी याद
साल 2006 में ऋतिक रोशन की फिल्म ‘धूम 2’ रिलीज हुई थी। उस फिल्म को अगर आपने देखा है तो आपको सैफ अली खान की ‘ज्वेल थीफ’ उससे अलग नहीं लगेगी। फिल्म देखते हुए कई जगहों पर आपको उस धूम 2 की याद आ जाएगी। कुल मिलाकर कहा जाए तो कहानी में कुछ खास नयापन नहीं महसूस होता है।
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इमोशनल कनेक्शन की कमी
‘ज्वेल थीफ’ में एक एंगेल दिखाया जाता है कि रेहान रॉय के पिता उसे घर से निकाल देते हैं क्योंकि वह चोरी करता है। इसके बाद रेहान कई अलग-अलग देशों में रहकर चोरी करता है। इधर, राजन औलख रेहान के पिता को फंसा देता है। फिल्म के ये कुछ प्लॉट अच्छे हैं लेकिन फिल्म में इमोशनल कनेक्शन की कमी नजर आती है।
विलेन का नहीं दिखा खास इम्पैक्ट
फिल्म में जयदीप अहलावत का निगेटिव रोल है लेकिन विलेन के तौर पर वह कमजोर नजर आ रहे हैं। ये तो जाहिर सी बात है कि किसी भी कहानी में जब तक विलेन स्ट्रॉन्ग नजर नहीं आए तो कहानी बेकार ही लगती है।
म्यूजिक भी कुछ खास नहीं
किसी भी फिल्म की कहानी भले ही खराब हो लेकिन गाने अच्छे हों तो उन्हें याद रखा ही जाता है। सैफ अली खान की ‘ज्वेल थीफ’ कहानी ही नहीं गानों से भी दर्शकों का दिल नहीं जीत सकी।










