---विज्ञापन---

‘बेटे को हाथ लगाने से पहले’ से लेकर ‘चाहिए तो आलिया भट्ट’ तक, जवान के राइटर ने यहां से लिया इन डायलॉग्स का आइडिया

Jawan Most Loved Lines: कभी-कभी आपको पंच पैक के लिए लंबे चौड़े डायलॉग्स की जरूरत नहीं होती है, मशहूर होने के लिए कभी-कभी केवल कुछ शब्द ही काफी होते हैं जैसे मेरे पास मां है। यह डायलॉग आज भी इतने मशहूर हैं कि लोग इसके साथ-साथ अभिनेता और फिल्म का नाम आज भी लोग भूले […]

Edited By : Nidhi Pal | Updated: Sep 27, 2023 10:22
Share :
jawan
image credit: google

Jawan Most Loved Lines: कभी-कभी आपको पंच पैक के लिए लंबे चौड़े डायलॉग्स की जरूरत नहीं होती है, मशहूर होने के लिए कभी-कभी केवल कुछ शब्द ही काफी होते हैं जैसे मेरे पास मां है। यह डायलॉग आज भी इतने मशहूर हैं कि लोग इसके साथ-साथ अभिनेता और फिल्म का नाम आज भी लोग भूले नहीं हैं। जवान के लेखक सुमित अरोड़ा ने इस फिल्म के डायलॉग्स इतने जबर्दस्त लिखे हैं कि जब-जब फिल्म की बात की जाएगी तो सुमित अरोड़ा का नाम जरूर लिया जाएगा। वहीं सुमित अरोड़ा भी जब फिल्म के बारे में बातें करते हैं तो उनके चेहरे पर मुस्कान दौड़ जाती है। वह कहते हैं कि फिल्म का डायलॉग ‘बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर…’है तो बहुत सरल लेकिन शायद मेरे पूरे करियर के दौरान यह मेरे साथ रहेगा।

यह भी पढ़ें: The Great Indian Family Box Office Collection Day 5: मुश्किलों में फंसी विक्की कौशल की ‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’, 5वें दिन भी बॉक्स ऑफिस…

---विज्ञापन---

सेट पर बिताए 100 से ज्यादा दिन

बता दें कि एटली निर्देशित यह फिल्म 7 सितंबर को दुनियाभर में रिलीज हुई, इसने दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। फिल्म के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो सुमित के लिए और भी खास बन गई है, क्योंकि एक्शन से भरपूर उनकी लाइनें पहले ही पॉप कल्चर सेंसेशन बन चुकी हैं। सुमित कहते हैं उनका विचार यह था कि फिल्मी दुनिया के प्रति सच्चे रहें और उसके अनुसार संवाद लिखें, न कि स्मार्ट बनने और दिखावा करने की कोशिश करें। अगर ये लाइनें काम कर रही हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जवान के संदर्भ में अच्छी तरह से वाकिफ हैं। सुमित आगे कहते हैं, उन्होंने चार महीने में फिल्म का पहला डायलॉग लिखा और फिर सेट पर 100 से अधिक दिन बिताए, टीम को अपना काम करते हुए देखा।

---विज्ञापन---

यह था सुमिता का पहला सीक्ववेंस

एक मीडिया संस्थान के साथ इंटरव्यू के दौरान सुमित अरोड़ा ने जवान की सात सबसे यादगार लाइनों के बारे में बात की और बताया कि उन्हें बनाने में उनको कैसा लगा। सुमित का कहना है कि मेट्रो सीक्वेंस उनका लिखा पहला सीन था। इसे लिखते समय मुझे लगने लगा कि मुझे इसमें मजा आ रहा है, मैं इसे अच्छे से कर सकता हूं। आजाद उस क्रम में एक व्यक्तित्व में आ रहे हैं, और यह पूरी तरह से अप्रभावित है, क्योंकि यह एक व्यक्तित्व है, आप इसके साथ कहीं भी जा सकते हैं। आजाद मेट्रो में दर्शकों की सेवा कर रहे हैं।

इस तरह ले लिखे डायलॉग्स

मेट्रो सीक्वेंस में, एक आदमी कहता है कि वह पुलिस से है, लेकिन आजाद उसे पकड़कर खंभे से बांध देते हैं और घोषणा करते हैं, ‘किसी और ने हीरो बनने की कोशिश की तो मैं विलेन बन जाऊंगा।’ इसलिए मैंने यहां तक लाइन लिखी और फिर अचानक मैंने सोचा कि इसमें और भी कुछ है तो मैंने जोड़ा, ‘और जब मैं विलेन बनता हूं ना, तो मेरे सामने कोई हीरो टिक नहीं सकता।’ ‘चाहिए तो आलिया भट्ट’ लाइन के लिए, मैंने दो-तीन अन्य नाम लिखे थे, लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि कौन सा रखा जाए। शाहरुख सर ने कहा कि यह अच्छा है इसलिए हमने इसे रख लिया।

पहले टेक में की लाइनें

इसीलिए मुझे इसमें बहुत सारे दिलचस्प टूल का उपयोग करना पड़ा, जैसे एक कविता से शुरुआत की कि ‘मैं कौन हूं, कौन नहीं – फिर ‘उंगली’ वाली लाइन पर जाएं और फिर एक मच्छर कुंडल का उदाहरण दें। मूलतः आपको ही इसे दिलचस्प बनाना होगा। लेकिन जाहिर है, सबसे महत्वपूर्ण चीज अभिनेता था। जिस तरह से शाहरुख सर ने लाइनें बोलीं, उन्होंने इसे एक बार में ही पूरा कर लिया था, मुझे नहीं लगता कि हमने दूसरा टेक भी किया है। सर ने पूछा कि क्या हमें दूसरा काम करना चाहिए, लेकिन एटली इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, ‘सर हमें मिल गया।’ यह बहुत सुंदर था।

HISTORY

Edited By

Nidhi Pal

First published on: Sep 27, 2023 10:22 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें