Heeramandi, Sanjay Leela Bhansali: संजय लीला भंसाली की ओटीटी पर पहली सीरीज ‘हीरामंडी’ जबसे रिलीज हुई है, तबसे ही भंसाली साहब चर्चा में बने हुए हैं। ‘हीरामंडी’ को लेकर हर कोई अपनी राय रख रहा है और इसे अपने हिसाब से रिव्यू भी दे रहा है। इस बात में तो कोई शक है ही नहीं कि भंसाली ने इस सीरीज पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन बड़ी बात ये है कि इतना खर्चा, इतनी मेहनत और बज के बाद भी सीरीज वैसी साबित नहीं हुई जैसी उम्मीद की जा रही थी।
मेहनत पूरी लेकिन कहानी आधी-अधूरी
संजय की इस सीरीज में कुछ चीजें तो ऐसी हैं, जिनकी तारीफ जितनी करो कम हैं, लेकिन ज्यादातर चीजें निराश कर रही हैं। फिर चाहे वो सीरीज के विलेन या हीरो की बात हो या फिर लव स्टोरी की। दरअसल, क्या है ना भंसाली साहब ने मेहनत तो पूरी की, लेकिन कहानी आधी-अधूरी और इस पूरी मेहनत और आधी-अधूरी कहानी पर उन्होंने करोड़ों खर्च भी कर दिए।
क्या-क्या अधूरा?
- आलमजेब और ताजदार की कहानी
इतनी सीरियस सीरीज में जब एक प्यार-भरा प्वाइंट संजय ने जोड़ा, तो कम से कम उसे पूरा तो करते, लेकिन नहीं…. अचानक ताजदार का इंतकाल हो जाता है और आलम अकेली रह जाती है। किसी प्रेमकहानी का ऐसा अंत, भला कैसे किसी को पच सकता है। सीरीज में ताज और आलम की कहानी लोगों को बांधे रखती हैं, लेकिन उसका अंत किसी को भी निराश कर सकता है।
- लज्जो का अचानक मर जाना
इतना तो समझ में आता है कि लज्जो को अपने आशिक से धोखा मिला, लेकिन भला कैसे उसका किरदार अचानक से खत्म कर दिया गया। कहानी का मजूबत हिस्सा रही लज्जो की कहानी को यूं खत्म नहीं करना चाहिए था बल्कि उसमें कई और बेहतरीन चीजें हो सकती थी।
- मल्लिकाजान विलेन या हीरोइन
हीरामंडी में मल्लिकाजान का किरदार निभा रही मनीषा ने अपने काम में कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन पूरी सीरीज में यही कंफ्यूजन है कि वो हीरोइन हैं या विलेन। जी हां…. मल्लिका के किरदार को भी और निखार मिल सकता था, लेकिन दर्शकों को यहां भी निराशा का ही सामना करना पड़ा।
- बिब्बोजान के साथ नाइंसाफी
पूरी सीरीज में सबसे अलग किरदार निभाने वाली बिब्बोजान हमेशा अपनी मां के कहे में चलती है, लेकिन आजादी के लिए उनका जुनून उन्हें सबसे अलग बनाता है। फिर अचानक वो अंग्रेजी अफसर पर फायरिंग करती हैं, जिसके लिए उन्हें सजा-ए-मौत नसीब होती है। बिब्बोजान सीरीज का बेहद अहम हिस्सा रहीं, तो जाहिर-सी बात है कि उन्हें ज्यादा भाव मिलना चाहिए था।
- पिता अपने ही बेटे को अंग्रेजों के हवाले कर देता है
सीरीज में दिखाया गया कि ताज के पिता नहीं चाहते थे कि उनका निकाह आलमजेब से हो और इसके लिए वो अपने बेटे पर झूठे आरोप लगवाकर उन्हें अंग्रेजों के हवाले कर देते हैं, जहां अंग्रेजी हुकमत के अफसर उन्हें इतना मारते हैं कि उनकी मौत हो जाती है। भला कोई पिता अपने बच्चे को कैसे मौत के मुंह में धकेला देता है? फिर चाहे उसने कितनी भी बड़ी गलती क्यों ना की हो? लेकिन ताजदार की तो कोई गलती नहीं थी फिर भी उनके साथ इस तरह का बर्ताव हुआ।
- साइमा भी अचानक हुई गायब
सीरीज में आलमजेब की नौकरानी यानी साइमा को भी अचानक गायब किया गया। साइमा और इकबाल की लव स्टोरी बेहद कमाल की थी, लेकिन अचानक से इकबाल का जेल जाना और साइमा का गायब होना किसी का हजम नहीं हुआ। इतना ही नहीं बल्कि अचानक से साइमा एक बड़ी सिंगर भी बन जाती है, जिसकी एक भी झलक नहीं दिखाई गई। बस एक पोस्टर के जरिए कहा गया कि बड़ी गायिका बन गई।
और अच्छी हो सकती थी ‘हीरामंडी’
इतना ही नहीं बल्कि कई और ऐसी चीजें हैं, जो बेहद अच्छी हो सकती थी। कहानी भी अधूरी-सी है। अब इस अधूरी कहानी के साथ भंसाली साहब ने ‘हीरामंडी’ रिलीज की, जिसे लोगों की निराशा मिल रही है।
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