BR Chopra Death Anniversary: भारतीय सिनेमा और टीवी की दुनिया में समय के साथ अब बहुत बदलाव आ चुके हैं। ब्लैक एंड व्हाइट के दौर से अब तक बहुत कुछ बदल गया है। लेकिन पुराने समय में सिनेमा का एक दौर था जब भले ही ग्लैमर की चकाचौंध उतनी न हो, लेकिन कुछ निर्देशक ऐसे थे जो अपनी कला से फिल्मों में जान डालने का काम करते थे। इन्ही में से एक थे बीआर चोपड़ा, जिन्होंने आज से 35 साल पहले महाभारत जैसा आइकॉनिक शो देकर सभी के दिलों पर राज किया है। आज यानी 5 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि है। तो चलिए आज बीआर चोपड़ा के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
पद्म भूषण से हुए सम्मानित
फिल्म ‘अफसाना’ से अपने फिल्मी अफसाने की शुरूआत करने वाले बीआर चोपड़ा की आखिरी फिल्म ‘भूतनाथ’ रही। उन्हें नया दौर (1957), कानून (1960), वक्त (1965), हमराज (1967) और 1980 दशक के आखिरी वर्षों में टेलीविजन धारावाहिक महाभारत का निर्माण करने के लिए जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें 1998 में सिनेमा के सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान दादा साहेब फाल्के से सम्मानित किया। वहीं साल 2001 में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
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मधुबाला के साथ करना चाहते थे बीआर चोपड़ा
बीआर चोपड़ा ने अपने करियर में कई अदाकारों को करियर के शिखर तक पहुंचा दिया। लेकिन वह मधुबाला के साथ काम करना चाहते थे। उनकी यह हसरत बीआर चोपड़ा को कोर्ट तक ले गई। दरअसल यह वाकया 50 के दशक का है, जब बीआर चोपड़ा ने अपनी फिल्म नया दौर के लिए मधुबाला को साइन किया था, लेकिन मधुबाला यह फिल्म नहीं करना चाहती थीं और उन्होंने दिलीप कुमार के साथ अफेयर के चलते इस फिल्म से दूरी बना ली थी।
फिल्म की कामयाबी बनी इतिहास
मधुबाला के फिल्म छोड़ने के बाद बीआर चोपड़ा बेहद आहत हुए। उनको यह मामला अदालत में ले जाना पड़ा। तब कोर्ट के आदेश पर दिलीप कुमार और मधुबाला दोनों को कोर्ट रूम में पेश होना पड़ा। हालांकि बाद में बीआर चोपड़ा ने इस फिल्म में मधुबाला की जगह वैजयंती माला को साइन किया और फिल्म की कामयाबी इतिहास बन गई।