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Adipurush Dialogues Controversy: ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स का यूटर्न, बोले- विवादित डायलॉग्स में करेंगे सुधार

Adipurush Dialogues Controversy: डायरेक्टर ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ के विवादित डायलॉग्स को लेकर मेकर्स का बड़ा बयान सामने आया है। ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स ने फिल्म के डायलॉग्स पर फिर से विचार करने का फैसला किया है, जो इसी सप्ताह फिल्म में जोड़ दिए जाएंगे। आदिपुरुष फिल्म के वीएफएक्स और डायलॉग्स पर लगातार दर्शक सवाल […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jun 18, 2023 14:10
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Adipurush Dialogues Controversy: डायरेक्टर ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ के विवादित डायलॉग्स को लेकर मेकर्स का बड़ा बयान सामने आया है। ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स ने फिल्म के डायलॉग्स पर फिर से विचार करने का फैसला किया है, जो इसी सप्ताह फिल्म में जोड़ दिए जाएंगे।

आदिपुरुष फिल्म के वीएफएक्स और डायलॉग्स पर लगातार दर्शक सवाल उठा रहे हैं। फिल्म में ‘मरेगा बेटे’, ‘बुआ का बागीचा है क्या’ और ‘जलेगी तेरे बाप की’ जैसे संवाद को लेकर व्यूअर्स ने मेकर्स और राइटर पर सवाल उठाए हैं। अब विवादित डायलॉग्स के कारण फिल्म को मिल रही आलोचनाओं के मद्देनजर फिल्म के निर्माताओं ने इसे संशोधित करने का फैसला किया है।

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फिल्म की टीम की ओर से जारी किया गया ये बयान

फिल्म की टीम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आदिपुरुष को दुनिया भर में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है और सभी उम्र के दर्शकों का दिल जीत रहा है। कुछ विवादों के बाद जनता और दर्शकों के इनपुट को महत्व देते हुए टीम ने फिल्म के डायलॉग्स में बदलाव करने का फैसला किया गया है। निर्माता संवादों पर फिर से विचार कर रहे हैं।

मनोज मुंतशिर ने फिल्म के संवाद को लेकर कही ये बात

फिल्म के डायलॉग्स की जिम्मेदारी संभालने वाले मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ट्विटर पर एक लंबा नोट लिखा है। उन्होंने लिखा कि रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है।

मनोज मुंतशिर ने लिखा कि आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं?

उन्होंने लिखा कि हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया। क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं।

आगे उन्होंने लिखा कि ये पोस्ट क्यों? क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है। मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, लेकिन इससे आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएंगे।

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Written By

Om Pratap

First published on: Jun 18, 2023 01:59 PM

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