उत्तर प्रदेश में एक बार फिर प्रशासनिक फेरबदल की लहर चली है। हाल ही में 33 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, जिनमें से एक अधिकारी ऐसे भी हैं जो अपने लगातार ट्रांसफरों की वजह से खासे चर्चा में हैं। ये हैं आईएएस अमित गुप्ता (IAS Amit Gupta), जिनका 15 साल की फील्ड सर्विस में 14 बार ट्रांसफर हुआ और वे 14 अलग-अलग जिलों में जिलाधिकारी रह चुके हैं। उनके लगातार ट्रांसफर और शानदार प्रशासनिक सेवाओं को देखते हुए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज किया गया है।
मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं अमित गुप्ता
IAS अमित गुप्ता का जन्म 1 जुलाई 1976 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में BTech की डिग्री ली और फिर सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी। साल 2000 में उन्होंने UPSC पास किया और 4 सितंबर 2000 को यूपी कैडर में आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए।
मेरठ से शुरू हुआ प्रशासनिक सफर
आईएएस बनने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा की शुरुआत 6 जून 2001 को मेरठ में बतौर असिस्टेंट मजिस्ट्रेट/असिस्टेंट कलेक्टर के पद से की। इसके बाद उनकी नियुक्ति आगरा में जॉइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर हुई, जहां वह 10 जुलाई 2002 से 18 फरवरी 2004 तक रहे। इसके बाद वह CDO आगरा बने और 30 जून 2004 तक काम किया। इसके बाद उनका ट्रांसफर लखनऊ कर दिया गया, जहां कुछ समय के लिए वह ऑन वेटिंग में रहे। 13 जुलाई 2004 को उन्हें जालौन का मुख्य विकास अधिकारी (CDO) बनाया गया और फिर 6 मार्च 2005 को हमीरपुर के डीएम पद की जिम्मेदारी दी गई।
अद्भुत रिकॉर्ड: सबसे छोटे और सबसे लंबे कार्यकाल का फर्क
सबसे छोटा कार्यकाल: ललितपुर में केवल 8 दिन
सबसे लंबा कार्यकाल: बदायूं में लगभग 1 साल 9 महीने
15 वर्षों में अमित गुप्ता को 14 जिलों में ट्रांसफर किया गया और इस दौरान वे हमीरपुर, ललितपुर, कन्नौज, जालौन, फिरोजाबाद, प्रतापगढ़, महाराजगंज, इटावा, बदायूं, पीलीभीत, बिजनौर, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और रायबरेली जैसे जिलों के डीएम रहे। यह अनोखा रिकॉर्ड साल 2015 में लिम्का बुक ऑफ नेशनल रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।
प्रशासनिक सेवा में विभिन्न अहम पदों पर रहे
अमित गुप्ता का अनुभव सिर्फ जिलाधिकारी तक सीमित नहीं रहा। वे कई मंडलों के कमिश्नर, और यूपी सरकार में विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर कार्य कर चुके हैं, जैसे: तकनीकी शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, चिकित्सा शिक्षा और मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष सचिव और सचिव। हालांकि, वर्तमान में उन्हें उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग का प्रमुख सचिव और साथ ही राज्य सड़क परिवहन निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
रहा बेहतरीन प्रशासनिक सफर
अमित गुप्ता की यह कहानी न केवल एक बेहतरीन प्रशासनिक सफर को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि बार-बार ट्रांसफर के बावजूद अगर किसी के भीतर सेवा का जज्बा हो तो वह हर जगह एक नई पहचान बना सकता है। उनका नाम लिम्का बुक में दर्ज होना आने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक प्रेरणा है।