---विज्ञापन---

शिक्षा

दो बेटियों की मां ने 40 की उम्र में क्रैक किया UPSC, कहा – कभी भी पूरा किया जा सकता है सपना

UPSC Success Story: निसा उन्नीराजन ने 40 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है, जिसमें उन्होंने 1000वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि उम्र और असफलताएं कभी भी सपनों की राह नहीं रोक सकतीं। उनकी कहानी लाखों लोगों के लिए साहस और प्रेरणा का स्रोत है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 27, 2025 09:54
Nisa Unnirajan UPSC Success Story

Nisa Unnirajan UPSC Success Story: जब मेहनत और दृढ़ निश्चय साथ हों, तो कोई भी बाधा आपको अपने सपनों तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। 40 साल की निसा उन्नीराजन (Nisa Unnirajan) की कहानी इसी बात का बेहतरीन उदाहरण है। उम्र, विकलांगता और असफलताओं के बावजूद, निसा ने साल 2024 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 1,000वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि सपनों की उड़ान के लिए कोई भी सीमा नहीं होती।

35 साल की उम्र में थामा UPSC का सपना
जहां लोग 30 की उम्र तक नौकरी में स्थिरता तलाशते हैं या सिविल सेवा की तैयारी छोड़ देते हैं, वहीं निसा ने 35 साल की उम्र में अपने सिविल सेवा के सपने को जीना शुरू किया। अपने घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच, निसा ने पढ़ाई का कठिन सफर तय किया। उनकी दो बेटियां, नंदना (11 वर्ष) और थानवी (7 वर्ष), तथा उनके पति अरुण और रिटायर्ड पुलिसकर्मी माता-पिता हमेशा उनके मजबूत सहायक रहे। निसा ने न केवल पढ़ाई संभाली बल्कि अपने परिवार के साथ भी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया।

---विज्ञापन---

हार नहीं मानी, असफलताओं से ली सीख
यूपीएससी की राह में निसा को कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। हर बार जब परिणाम मनचाहे नहीं आए, निसा ने खुद में सुधार किया और नई रणनीति के साथ फिर से प्रयास किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निसा कहती हैं, “हर असफलता ने मुझे कुछ नया सिखाया।” यही सीख उन्हें आगे बढ़ने और मजबूत बनने की प्रेरणा देती रही। निसा ने विशेष रूप से Disability Category में सफलता प्राप्त की है।

प्रेरणा के स्रोत बने कोट्टायम के उप-कलेक्टर
सिविल सेवा की तैयारी के दौरान, निसा ने तिरुवनंतपुरम के एक प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट से गाइडेंस ली। इसके अलावा कोट्टायम के उप-कलेक्टर रंजीत, जो स्वयं श्रवण दिव्यांगता से जूझते हैं, निसा के लिए एक विशेष प्रेरणा बने। निसा बताती हैं कि किसी ऐसे व्यक्ति की सफलता को देखकर, जो आपकी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा हो, आशाओं को नई ऊर्जा मिलती है।

---विज्ञापन---

अलग थी निसा की तैयारी की शैली
निसा ने अपनी पढ़ाई की शैली को पारंपरिक तरीकों से थोड़ा हटकर बनाया। उन्होंने अपनी दिनचर्या में मोटिवेशनल आत्मकथाएं, सफलता की कहानियां और प्रेरक वीडियो शामिल किए। यह तरीका उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने में सहायक रहा और हर चुनौती के सामने मजबूती से टिके रहने का आत्मबल दिया। उनका मानना है कि सकारात्मक मानसिकता भी परीक्षा की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अब आईएएस बनने के लिए तैयार
निसा उन्नीराजन अब IAS अधिकारी बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनकी सफलता उन लाखों लोगों के लिए एक मजबूत संदेश है जो सोचते हैं कि उम्र, असफलता या चुनौतियां उन्हें रोक सकती हैं। निसा की कहानी बताती है कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता और किसी भी उम्र में उसे पूरा करने की शुरुआत की जा सकती है। सबसे लंबा सफर भी छोटे-छोटे साहसिक कदमों से शुरू होता है और इसे शुरू करने में कभी देर नहीं होती।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Apr 27, 2025 09:54 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें