NEET-PG 2025 की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी राहत भरी खबर दी है। अब यह परीक्षा 15 जून को पूरे देश में एक ही शिफ्ट में कराई जाएगी। पहले यह परीक्षा दो शिफ्ट में होनी थी, लेकिन इससे छात्रों को चिंता हो रही थी कि अलग-अलग पेपर की कठिनाई अलग हो सकती है। इससे कुछ छात्रों को नुकसान हो सकता था। कोर्ट ने कहा कि सभी छात्रों को बराबर मौका मिलना चाहिए। इसलिए परीक्षा एक ही समय पर कराई जाएगी, ताकि कोई भेदभाव न हो और परीक्षा पूरी तरह से साफ और सही तरीके से हो।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि NEET-PG 2025 परीक्षा अब एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा 15 जून को होनी है। कोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने के फैसले को चुनौती दी गई थी। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ कहा कि परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराना जरूरी है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सभी अभ्यर्थियों को बराबरी का अवसर मिल सके।
Supreme Court Directs NBE to hold NEET PG 2025 EXAM IN ONE SHIFT #NEETPG2025 #NEETPG pic.twitter.com/62ypm91S1g
— Dr.Surya (@IAmShine4) May 30, 2025
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दो शिफ्ट में परीक्षा से हो सकती है नाइंसाफी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक ही परीक्षा को दो अलग-अलग शिफ्ट में कराने से गलत तरीके से फायदा या नुकसान हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों शिफ्टों में आने वाले पेपर एक जैसे मुश्किल नहीं हो सकते। हो सकता है एक शिफ्ट का पेपर ज्यादा कठिन हो और दूसरी शिफ्ट का आसान। इससे कुछ छात्रों के साथ अन्याय हो सकता है। इसी वजह से कोर्ट ने कहा कि परीक्षा सिर्फ एक ही शिफ्ट में कराई जाए, ताकि सभी छात्रों को बराबरी का मौका मिले।
याचिका में उठाए गए थे निष्पक्षता के सवाल
इस याचिका में यह भी कहा गया था कि अगर परीक्षा दो शिफ्ट में होती है तो यह परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। याचिका लगाने वाले ने कहा कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में होनी चाहिए, ताकि सभी छात्रों को बराबर का मौका मिल सके। कोर्ट ने भी इस बात से सहमति जताई और कहा कि जब लाखों छात्रों का भविष्य इस परीक्षा पर टिका हो, तब इसकी पारदर्शिता (साफ-सुथरी प्रक्रिया) और निष्पक्षता (न्याय) बनाए रखना बहुत जरूरी है।
पारदर्शिता के लिए पहले भी दिए गए हैं निर्देश
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG काउंसलिंग में सीट ब्लॉकिंग रोकने के लिए भी कई अहम निर्देश दिए थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा में जो raw scores, answer key और नंबर तय करने का तरीका normalisation formula है, वो सब खुले तौर पर बताए जाएं। इससे परीक्षा की पूरी प्रक्रिया साफ बनी रहेगी। यह फैसला उन छात्रों के लिए बड़ी राहत है जो मेडिकल पीजी में दाखिले की तैयारी कर रहे हैं। अब उन्हें सिर्फ एक ही शिफ्ट में परीक्षा देनी होगी, जिससे सभी को एक जैसा पेपर मिलेगा और नतीजे ज्यादा न्यायपूर्ण होंगे।