NEET की परीक्षा पास करने के बाद अगला कदम है नीट काउंसलिंग (NEET Counselling), जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण और निर्णायक प्रक्रिया होती है। यहां एक छोटी सी गलती भी आपकी मनचाही मेडिकल कॉलेज की सीट को आपसे दूर कर सकती है। हर साल हजारों छात्र छोटी-छोटी गलतियों के कारण अच्छे कॉलेज या किसी भी सीट से वंचित रह जाते हैं। आइए जानते हैं NEET काउंसलिंग के दौरान होने वाली पांच बड़ी गलतियों के बारे में और कैसे आप उनसे बच सकते हैं।
1. बिना रिसर्च के कॉलेज चुनना
बहुत से छात्र कॉलेज का चयन सिर्फ नाम, प्रतिष्ठा या दूसरों की सलाह पर कर लेते हैं। वे यह नहीं देखते कि उस कॉलेज का पिछले साल का कटऑफ क्या था, फीस कितनी है, कोई बॉन्ड है या नहीं, या कॉलेज की लोकेशन कितनी सुविधाजनक है। इस गलती से बचने के लिए जरूरी है कि आप पूरी जानकारी जुटाएं। पिछले वर्षों के कटऑफ, पूरी फीस (होस्टल और अन्य खर्चों सहित), और छात्रों के रिव्यू देखकर कॉलेज को तीन कैटेगरी में बांटें — ड्रीम (थोड़ा ऊपर रैंक से), सेफ (आपकी रैंक के अनुसार), और बैकअप (थोड़ा नीचे रैंक से)।
2. चॉइस लॉक न करना या बहुत जल्दी करना
कई छात्र या तो समय रहते अपनी चॉइस लॉक करना भूल जाते हैं, जिससे सिस्टम ऑटोमैटिक लॉक कर देता है (जो आपकी असली प्राथमिकता नहीं होती), या फिर बहुत जल्दी चॉइस लॉक कर देते हैं बिना बाकी विकल्पों को अच्छे से जांचे। सही तरीका है कि आप चॉइस फिलिंग की पूरी विंडो का इस्तेमाल करें और आखिरी दिन तक बदलाव करते रहें। जब पूरी तरह संतुष्ट हों, तभी मैन्युअली लॉक करें और उसका स्क्रीनशॉट या प्रिंटआउट अपने पास रखें।
3. सिर्फ ऑल इंडिया कोटा पर ध्यान देना, स्टेट काउंसलिंग को नजरअंदाज करना
बहुत से छात्र सिर्फ All India Quota (AIQ) पर ध्यान देते हैं और अपने राज्य की काउंसलिंग को नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि स्टेट कोटे में आपके चयन की संभावना ज्यादा हो सकती है। आपको AIQ के साथ-साथ अपने राज्य की काउंसलिंग में भी हिस्सा लेना चाहिए। अगर आप किसी अन्य राज्य के डोमिसाइल के योग्य हैं (जैसे दिल्ली, राजस्थान), तो वहां भी आवेदन करें। हर राज्य की अलग नियमावली होती है – समय से पहले इनकी जानकारी लें।
4. डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ी
रिपोर्टिंग के समय अगर आपके डॉक्यूमेंट्स खो जाएं, अधूरे हों या गलत हों, तो आपकी सीट कैंसिल हो सकती है, चाहे आपने कितने भी अच्छे मार्क्स लाए हों। इससे बचने के लिए एक NEET काउंसलिंग डॉक्यूमेंट किट तैयार करें जिसमें ये सब रखें: NEET एडमिट कार्ड और स्कोरकार्ड, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, कैटेगरी सर्टिफिकेट (अगर लागू हो), डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाण पत्र, वेलिड आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो और अलॉटमेंट लेटर। यह भी जांचें कि किस राउंड के लिए ओरिजनल, सेल्फ-अटेस्टेड या डिजिटल कॉपी चाहिए।
5. मॉप-अप और स्ट्रे वैकेंसी राउंड को छोड़ देना
कई छात्र पहले दो-तीन राउंड में सीट न मिलने पर हिम्मत हार जाते हैं और मान लेते हैं कि अब मौका खत्म हो गया। जबकि मॉप-अप और स्ट्रे वैकेंसी राउंड में कई बार सीटों में बदलाव होता है, कुछ कॉलेजों में सीटें खाली रह जाती हैं और अच्छे कॉलेज में भी एडमिशन मिल सकता है। इन राउंड के लिए नई रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है — इनकी डेट्स को अलग से नोट करें और सतर्क रहें।