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शिक्षा

पिता ने गवाई पहलगाम आतंकी हमले में जान, अब बेटे ने 10वीं में हासिल किए 80% मार्क्स, घर में नहीं मनाई गई कोई खुशी

पहलगाम आतंकी हमले में पिता को खोने वाले ध्रुव जोशी ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 80% अंक हासिल किए। परिवार ने इस सफलता का जश्न नहीं मनाया क्योंकि ध्रुव के पिता अब इस पल को देखने के लिए साथ नहीं हैं।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 15, 2025 12:48
Maharashtra SSC Board Exam 2025

महाराष्ट्र के ध्रुव जोशी ने दसवीं की परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। लेकिन यह खुशी का पल भी उनके परिवार के लिए दुख से भरा हुआ है, क्योंकि उनके पिता हेमंत जोशी अब इस दुनिया में नहीं हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हेमंत जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

बेटे की सफलता देखने के लिए पिता मौजूद नहीं

महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ने मंगलवार को दसवीं कक्षा के नतीजे घोषित किए, जिसमें ध्रुव ने अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास की। लेकिन ध्रुव और उनका परिवार इस सफलता का जश्न नहीं मना पाए। उनके पिता की कमी सभी को बहुत खल रही है।

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आतंकी हमले में गई पिता और दो अन्य रिश्तेदारों की जान

हेमंत जोशी के साथ उनके रिश्तेदार संजय लेले और अतुल मोने भी उस आतंकी हमले में मारे गए थे। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) के आतंकियों ने इन सबको गोली मार दी थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।

ध्रुव के एक रिश्तेदार राजेश कदम ने मीडिया को बताया, “ध्रुव, ओंकार इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है। उसने अच्छे अंक पाए हैं, लेकिन वह और उसकी मां दुखी हैं कि इस सफलता को देखने के लिए उसके पिता अब नहीं हैं।”

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संजय लेले के बेटे ने भी ग्रेजुएशन में हासिल किए अच्छे ग्रेड

उन्होंने आगे बताया कि ध्रुव के साथ-साथ संजय लेले के बेटे हर्षद ने भी हाल ही में तीसरे वर्ष की B.com परीक्षा अच्छे ग्रेड के साथ पास की है। हर्षद ने भी अपने पिता को अपनी आंखों के सामने खो दिया था।

छुट्टियां मनाने गए थे कश्मीर

ध्रुव के चाचा अतुल मोने, जो इस आतंकी हमले में शहीद हुए, रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर थे। वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ कश्मीर गए थे और अपने दो अन्य रिश्तेदारों के साथ यात्रा पर थे। पूरा परिवार छुट्टियां बिताने कश्मीर गया था और 26 अप्रैल को वापस लौटने वाला था।

यह कहानी हमें बताती है कि जीवन में कठिन परिस्थितियों के बीच भी हिम्मत और मेहनत से आगे बढ़ा जा सकता है। ध्रुव और हर्षद जैसे बच्चों की सफलता पूरे समाज के लिए प्रेरणा है।

First published on: May 15, 2025 12:48 PM

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