भारत में हर साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि इंजीनियरिंग बैक्ग्राउंड के अधिकतर उम्मीदवार इस परीक्षा में सफलता हासिल कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार आईएएस वंशिका यादव के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इंजीनियरिंग के बाद हाई पैकेज वाली नौकरी हासिल की, लेकिन सिविल सेवा में आने और आईएएस बनने के सपने ने उन्हें यूपीएससी की ओर मोड़ दिया और अंतत: वह आईएएस ऑफिसर बन ही गईं।
इंजीनियरिंग छोड़ आईएएस बनने की ठानी
दरअसल, कुछ लोग बीच-बीच में अपना करियर बदल लेते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे भ्रमित हैं, बल्कि यह बताते हैं कि वे जीवन में जोखिम लेने के लिए तैयार हैं। आईएएस वंशिका यादव ने भी इसी तरह का जोखिम उठाया और अपनी जॉब छोड़कर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गई और अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया छठी रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बन गईं।
नौकरी छोड़ किया UPSC का रुख
बता दें कि वंशिका दिल्ली की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) से हासिल की, जहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद वंशिका ने नौकरी करना शुरू कर दिया, लेकिन उनका मन आईएएस अधिकारी बनने पर ही अटका हुआ था। भले ही वह बैंगलोर में सिस्को (Cisco) में अच्छी कमाई कर रही थी, लेकिन उसकी आंतरिक इच्छा ने उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और केवल आईएएस बनने पर ध्यान केंद्रित किया।
पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स तक नहीं हुआ क्लियर
हालांकि, पहले दो प्रयासों में वंशिका सिविल सेवा परीक्षा का प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार 2019 में यूपीएससी परीक्षा पास करके सफलता हासिल की। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई, क्योंकि उन्होंने कुल 2025 में से 1046 अंकों प्राप्त किए थे और इसी की बदौलत वह ऑल इंडिया छठी रैंक हासिल करने में भी कामयाब रहीं। वंशिका की सफलता के पीछे एक बड़ा श्रेय उनके पिता, सहायक उप-निरीक्षक राजकुमार यादव और मां, सरिता यादव को जाता है, जिन्होंने उन्हें इस उपलब्धि के लिए प्रेरित किया।