IAS Abhishek Surana Success Story: भारत के लाखों युवाओं का सपना होता है विदेश में बसकर एक सफल करियर बनाना, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो ऊंचाईयों को छूने के बाद भी देश के लिए कुछ करने का जुनून रखते हैं। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है IAS अधिकारी अभिषेक सुराणा की, जिन्होंने लंदन और चिली जैसी जगहों पर शानदार करियर होने के बावजूद भारत लौटने और UPSC परीक्षा देने का निर्णय लिया।
राजस्थान के भीलवाड़ा से IIT दिल्ली तक का सफर
अभिषेक सुराणा राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। टैलेंटेड स्टूडेंट होने के कारण उन्हें करियर की शुरुआत में ही अच्छे मौके मिले और उन्होंने विदेश में काम करने का रास्ता चुना।
इन्वेस्टमेंट बैंकर की हाई सैलरी जॉब छोड़ने का फैसला
IIT से ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने सिंगापुर में बार्कलेज इन्वेस्टमेंट बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में नौकरी शुरू की और बाद में लंदन में भी इसी बैंक के लिए काम किया। यह एक बेहद हाई सैलरी और ग्लैमर से भरी नौकरी थी, लेकिन उनके भीतर कुछ और ही चल रहा था – देश सेवा का सपना।
स्टार्टअप से लेकर चिली तक का सफर और UPSC का निर्णय
लंदन के बाद अभिषेक सुराणा ने एक मोबाइल ऐप आधारित स्टार्टअप की स्थापना की और चिली में काम करने लगे। इसी दौरान उन्हें यह एहसास हुआ कि उनका असली मकसद देश के लिए कुछ करना है। यहीं से उन्होंने UPSC परीक्षा देने का मन बनाया और 2014 में भारत लौट आए।
असफलताओं के बावजूद नहीं मानी हार
अभिषेक ने जब UPSC की तैयारी शुरू की तो शुरू में उन्हें सफलता नहीं मिली। पहले दो प्रयासों में वे असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। तीसरे प्रयास में उन्होंने 250वीं रैंक हासिल की और फिर चौथे प्रयास में देशभर में 10वीं रैंक के साथ IAS अधिकारी बनने में सफलता प्राप्त की।