हिमाचल प्रदेश में पिछले ढाई वर्षों में कुल 1,200 स्कूलों को बंद किया गया है। यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि इनमें से 450 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं था, इसलिए उन्हें बंद करना पड़ा। बाकी स्कूलों को कम इनरोलमेंट (कम छात्रों की संख्या) की वजह से आपस में मिलाया गया।
25 से कम छात्र होने पर मर्ज होंगे स्कूल
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा विभाग को मजबूत करने के लिए कई जरूरी फैसले ले रही है। जरूरत पड़ने पर स्कूलों का पुनर्गठन और विलय (Merger) भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर कक्षा 6 से 12 तक किसी स्कूल में 25 से कम छात्र हैं, तो ऐसे स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, लगभग 100 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है, उन्हें भी जल्द ही बंद किया जाएगा।
शिक्षा विभाग में 11 साल सेवा देने वाले 778 पार्ट-टाइम जल वाहकों (Water Carriers) को अब स्थायी (Regular) कर दिया गया है। ये लोग पहले पार्ट-टाइम और डेली वेजेस पर काम कर रहे थे। उन्हें कक्षा 4 के खाली पदों पर नियुक्त किया गया है।
15,000 शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी
राज्य सरकार ने लंबे समय से चली आ रही कर्मचारियों की मांगों को भी पूरा किया है। साथ ही शिक्षकों के खाली पदों को भरने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। सरकार ने अभी तक 15,000 शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी है, जिनमें से 3,900 पद प्राथमिक शिक्षा विभाग में हैं और 3,100 और पद हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (HPSSC) के जरिए भरे जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि पिछली बीजेपी सरकार के समय शिक्षकों की भर्ती लगभग बंद थी, लेकिन अब की सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।
बीते 2.5 साल में 700 लेक्चरर्स की हुई नियुक्ति
प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार 6,200 नर्सरी शिक्षकों की नियुक्ति कर रही है। इसके साथ ही 200 से ज्यादा कार्यवाहक प्रिंसिपल्स को भी रेगुलर कर दिया गया है और उच्च शिक्षा विभाग में 483 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती हो चुकी है। बीते ढाई साल में इस सरकार ने 700 लेक्चरर्स की नियुक्ति की है, जबकि पिछली बीजेपी सरकार के पूरे 5 साल में केवल 511 लेक्चरर्स ही नियुक्त किए गए थे।
हिमाचल प्रदेश सरकारी स्कूल – पढ़ने की क्षमता में देश में सबसे बेहतर
जनवरी 2025 में जारी ‘एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER)’ के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ने की क्षमता देश में सबसे बेहतर मानी गई है। इस सर्वे में स्कूल शिक्षा के लगभग सभी स्टैंडर्ड पर हिमाचल प्रदेश को देश का सर्वोत्तम राज्य बताया गया है।