Delhi Private Schools Fees : देश में महंगाई सातवें आसमान पर है। आम चीजें के साथ साथ बच्चों की शिक्षा भी महंगी होती जा रही है। अब स्कूल-कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाले हैं। इस पर प्राइवेट स्कूलों की ओर से मनमानी तरीके से फीस की भी बढ़ोतरी की जा रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए एक आदेश जारी किया है। आइए जानते हैं कि दिल्ली सरकार ने क्या फरमान जारी किया है?
दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने गुरुवार को प्राइवेट स्कूलों के लिए एक पत्र जारी किया है। इस लेटर के जरिए कहा गया है कि बिना पूर्व अनुमति के प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते हैं। ये आदेश उसी स्कूलों पर लागू होगा, जिनके स्कूल सरकारी जमीन पर बने हुए हैं। दिल्ली सरकार ने पत्र में डीएसईआर 1917 के सेक्शन 17 का जिक्र करते हुए प्राइवेट स्कूलों के लिए आदेश जारी किया है।
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फीस बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग से लेनी होगी अनुमति
डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन देवेंद्र मोहन की ओर से यह पत्र जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के हेड या स्कूल मैनेजरों को फीस बढ़ानी है तो पहले उन्हें सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। इसके लिए उन्हें फीस बढ़ोतरी के लिए प्रपोजल बनाकर भेजने होंगे, जिस पर शिक्षा निदेशालय विचार करेगा। यानी फीस बढ़ाने से पहले प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा निदेशालय से परमिशन लेनी पड़ेगी।
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1 से 15 अप्रैल तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
फीस बढ़ोतरी के लिए नए सत्र 2024-25 में प्राइवेट स्कूलों को 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। साथ ही शिक्षा विभाग ने कहा कि अगर बिना अनुमति के फीस बढ़ोतरी की गई तो स्कूल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि शिक्षा निदेशालय द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी या टीमों की ओर से स्कूलों के फीस बढ़ोतरी प्रस्तावों की जांच की जाएगी। अगर स्कूल ने प्रस्ताव नहीं भेजा तो वे ट्यूशन फीस/शुल्क में बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे।